वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वाराणसी के शहंशाहपुर गांव में कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट (गोबरधन योजना) का निरीक्षण किया और प्लांट में जीवामृत एवं पेंट बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि यहां नेचुरल फार्मिंग के कार्याें को तेज गति से किया जाये।
उन्होने कहा कि कृषक भारती कॉपरेटिव लिमिटेड (कृभको) एवं गोरखपुर फर्टिलाइजर से संवाद स्थापित कर सुझावों को अमल में लाया जाए। इससे यहां के किसानों को भरपूर फायदा प्राप्त होगा। जैविक खाद की पैकेजिंग आकर्षक तरीके से की जाए।
ज्ञातव्य है कि यह बायो गैस प्लांट लगभग सात एकड़ जमीन में बनाया गया है। इसकी क्षमता प्रतिदिन 3150 किलो कम्प्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन करने की है। यह प्लांट गैस के साथ तरल और ठोस फर्टिलाइजर का भी उत्पादन करेगा। कंप्रेस्ड बायो गैस पर्यावरण के अनुकूल है। स्थानीय गोपालक प्लांट को गोबर बेचेंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और रोजगार भी प्राप्त होगा। साथ ही, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के आयात पर निर्भरता कम होगी।
कम्प्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन गोबर, प्रेस मड (चीनी फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट पदार्थ) और नेपियर घास से किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसके वेस्ट से जैविक खाद बनायी जा रही है। प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर है और यहीं किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अपनी आय बढ़ा सकेंगे। साथ ही, लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रखने में मदद मिलेगी।
कम्प्रेस्ड बायो गैस, लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) से काफी सस्ती है। रोजाना 500 से 600 किलो एलपीजी का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाई को कम्प्रेस्ड बायो गैस से चलाना बेहद सस्ता होगा। उद्यमी इसके इस्तेमाल से अपनी लागत में करीब 5 प्रतिशत की बचत कर सकेंगे। कम्प्रेस्ड बायो गैस कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) की ही तरह प्रदूषण रहित और सस्ता ईंधन है।
निरीक्षण के दौरान परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट के व्यवस्थापक एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।