जसबीर सिंह का भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से जारी किया गया
कलेक्ट्रेट से फर्जी वारिसान जारी किया गया
आगरा: टेहल सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से जारी किया गया. जसबीर सिंह का भी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से जारी किया गया. कलेक्ट्रेट से फर्जी वारिसान जारी किया गया. जांच भी लगभग पूरी हो चुकी हैं. उसके बाद भी इनको बनाने और रिपोर्ट लगाने में शामिल लगभग डेढ़ दर्जन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
एसडीएम ने तहसीलदार सदर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी. एक माह से ज्यादा होने के बाद भी अभी तक जांच जारी होने की बात कही जा रही है. तहसीलदार सदर का कहना है कि पूरे नतीजे तक पहुंचने के बाद कार्रवाई की जाएगी. वहीं डीएम के निर्देश पर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में जांच के निर्देश दिए थे. नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त विनोद गुप्ता को जांच सौंपी. उनके द्वारा भी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में रिपोर्ट लगाने वाले नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और गवाहों के बयान दर्ज करा लिए गए. इसी आधार पर एसआईटी ने छह लोगों को जेल भी भेज दिया, लेकिन नगर निगम के अधिकारी अभी तक जांच चलने की बात कह रहे हैं. आखिर इन डेढ़ दर्जन लोगों पर कब तक कार्रवाई कब होगी. कहीं इनको बचाने के लिए कोई माननीय तो दबाव नहीं डाल रहा है.
सवाल गांजा और शराब कहां से आये: रवि कुशवाह और संकरिया दूसरी बार जेल गए हैं. पहली बार अगस्त 2023 में गए थे. उस समय जगदीशपुरा पुलिस ने नौ किलोग्राम गांजा बरामद करके तीन लोग जेल भेजे थे. जमीन पर परिवार की महिलाएं रह गई थीं. उन्हें अक्तूबर में जेल भेजा गया था. इसके बाद जमीन पर कब्जा हुआ था. इस साजिश में जगदीशपुरा थाना पुलिस मिली हुई थी. रवि कुशवाह और संकरिया दोबारा जेल चले गए. पुलिस ने जांच में पाया कि उमा देवी को फर्जी वारिस बनवाने में उन्होंने मदद की थी. सवाल उठ रहे हैं कि पुलिस और आबकारी विभाग वालों को बचाया जा रहा है. एसआईटी बनाई गई थी. पता लगाना था कि नौ किलोग्राम गांजा और शराब कहां से आई थी. पुलिस और जमीन पर कब्जा लेने वाले नेम चंद जैन के बीच की कड़ी कौन था. जो लोग कठघरे में आ रहे थे वे प्रभावशाली हैं. सरकारी कर्मचारी हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही.