गर्भावस्था में महिला का ब्लड प्रेशर सामान्य रहना जरूरी: डॉ. ऊषा

गर्भावस्था के दौरान लगातार बड़ी परेशानी की वजह बनता जा रहा है.

Update: 2024-05-02 10:42 GMT

बस्ती: आब्स एंड गायनी सोसाइटी की राज्यस्तरीय कांफ्रेंस यूपीसीओजी-24 में देशभर से जुटी दिग्गज महिला चिकित्सकों कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी राय रखी. निसंतानता, आईयूआई से लेकर आईवीएफ की मौजूदा तकनीक पर विमर्श हुआ. बताया गया कि गर्भावस्था में महिला का ब्लड प्रेशर सामान्य होना जरूरी है. नैनीताल रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने किया.

यूपीसीओजी 24 का पहला दिन पद्मश्री प्रो. डॉ. ऊषा शर्मा के निर्देशन में आयोजित किया गया. कांफ्रेंस में ब्लडप्रेशर पर विशेष विमर्श हुआ जो गर्भावस्था के दौरान लगातार बड़ी परेशानी की वजह बनता जा रहा है. गर्भावस्था में रक्तचाप को कैसे सामान्य रखें, गर्भवती महिलाओं की दिनचर्या से लेकर खानपान के बारे में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जानकारी दी. डॉ. सरोज सिंह ने बच्चेदानी को बिना चीरे से निकालने की नई विधि के बारे में जानकारी दी. प्रो. डॉ. अलका कृपलानी ने इंडोमोप्रिओसिस की दूरबीन विधि से सर्जरी के बारे में बताया. डॉ. अमित पाटकी ने निसंतानता के मामले में पुरुष की भूमिका के बारे में जानकारी दी. डॉ. आभा मजूमदार ने आईयूआई के बारे में बताया. डॉ. अचला बत्रा ने बच्चेदानी में चिपके हुए प्लेसेंटा को सावधानीपूर्वक निकालने की विधि समझाई. डॉ. भारती माहेश्वरी ने गर्भ समापन के अलग-अलग केस के बारे में विस्तार से बताया. कार्यक्रम में डॉ. नीरा अग्रवाल, डॉ. लतिका अग्रवाल, डॉ. प्रगति अग्रवाल, डॉ. लता अग्रवाल, मृदुला शर्मा, डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ. मोनिका वार्ष्णेय आदि का सहयोग रहा.

बच्चेदानी की गांठ का इलाज दवाओं से भी: बच्चेदानी में गांठ को दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है. कई मामलों में सर्जरी की जरूरत नहीं होती है. यह परेशानी बहुत सामान्य होती जा रही है और देश में 15 से लाख महिलाएं इससे पीड़ित हैं. आजकल अल्ट्रासाउंड जांच से फैब्रायड का पता चल जा रहा है. इसका लक्षण भी नहीं दिखता है. माना जाता है एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रान हार्मोन इसके लिए उत्तरदायी माने जाते हैं.

-डॉ. रंजना खन्ना, प्रयागराज

इलाज की नई विधियां होती हैं साझा

यूपी आब्स एंड गायनी की यह राज्यस्तरीय कांफ्रेंस कई मायनों में महत्वपूर्ण है. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होनी वाली जटिलताओं का कैसे इलाज किया जाए, अल्ट्रासाउंड जांच से किस प्रकार बीमारियों का पता लगाया जाए, इस पर कई विशेषज्ञों ने जानकारी दी. ऐसे कांफ्रेंस में इलाज की नई विधियां साझा होती हैं.

-प्रो. डॉ. भारती माहेश्वरी, मेडिकल कालेज मुजफ्फरनगर

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