गृह निर्माण समिति में लाखों के गोलमाल के आरोपों की जांच शुरू

Update: 2023-02-19 09:47 GMT

बरेली: वीरसावरकर नगर की सरकारी कर्मचारी गायत्री गृह निर्माण समिति में लाखों के गोलमाल की शिकायत पर अपर आवास आयुक्त ने जांच का आदेश देते हुए 15 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है। आरोप है कि समिति में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग अफसरों की साठगांठ से नियमों की धज्जियां उड़ाकर वित्तीय अनियमितताएं कर रहे हैं। प्लॉटों को कई हिस्सों में विभाजित कर बिल्डरों को बेचा जा रहा है। कोष की रकम का भी बंदरबांट किया जा रहा है।

समिति के सदस्य बृजमोहन ने अपर आवास आयुक्त से की शिकायत में कहा है कि प्रबंध समिति के निदेशक केहरी सिंह साधन सहकारी आवास समिति के सचिव के अपने कार्यकाल में गबन के दोषी रहे हैं। इस समिति में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की जा रही हैं। पदाधिकारियों ने कई प्लॉटों को बीडीए के लेआउट में रद्दोबदल कर बेच दिया है। नियमों के मुताबिक समिति अपने सदस्यों के लिए सिर्फ गृह निर्माण करा सकती है लेकिन समिति के कोष से 16 लाख रुपये मंदिर के निर्माण दे दिए गए हैं जो स्पष्ट रूप से गंभीर वित्तीय अनियमितता है।

इसके अलावा एक-एक प्लॉट को विभाजित कर बिल्डरों को बेचा जा रहा है और उन पर दो से तीन तक मकान बनवाए जा रहे हैं। यह भी घोर अनियमितता है। नियमविरुद्ध ढंग से समिति के सचिव की पत्नी को निदेशक बना दिया गया है। शिकायत में कहा गया है कि समिति की कॉलोनी में नगर निगम की ओर से सड़क का निर्माण कराया गया था लेकिन अंदेशा है कि इसका पैसा भी समिति के कोष से निकाल लिया गया है।

शिकायत में कई और भी गंभीर आरोप लगाए गएहैं। अपर आवास आयुक्त विनय कुमार मिश्र ने आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें सहायक आवास आयुक्त पंकज श्रीवास्तव और सहकारी आवास अधिकारी संजय सिंह को नामित किया है। उनसे 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

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