आबकारी से जुड़े कारोबार में पारदर्शिता को लेकर शासन के निर्देश पर विभाग ने ऑनलाइन खरीद बिक्री की योजना बनाई है। योजना का क्रियान्वयन इंटीग्रेटेड एक्साइज सप्लाई चैन सिस्टम (आईईएससीएमएस) के माध्यम से किया जाना है। सोमवार से महकमे ने इसको अनिवार्य किया तो लोड बढ़ने के चलते पोर्टल का सर्वर दगा देने लगा। कुछ ठेकेदारों ने आईडी और पासवर्ड डाल लॉगिन किया तो बार-बार फेल बताने पर हलचल मच गई। फिलहाल तकनीकी विशेषज्ञों की टीम खामियों से निपटने में जुटी है।बताया गया कि आबकारी महकमे ने पिछले माह 1 सितंबर से इंटीग्रेटेड एक्साइज सप्लाई चैन सिस्टम को प्रभावी किया है। पोर्टल के सफल संचालन के लिए लाइसेंसी शराब कारोबारियों को डिवाइस उपलब्ध कराई गई है और जिले से ब्लॉक स्तर पर तकनीकी विशेषज्ञों की टीम लगाई गई है। जिले के कुल लाइसेंसी 366 दुकानदारों में से अधिकतर ने अपनी डिवाइस का इस्तेमाल शुरू कर दिया लेकिन काफी लोग परंपरागत तरीके से व्यवसाय करते रहे। प्रदेश भर में सोमवार 10 अक्टूबर से इस व्यवस्था को अनिवार्य किया गया तब सबने लागिन शुरू किया तो पोर्टल पर लोड बढ़ने के बाद सर्वर दगा देने लगा। प्रभावित आबकारी ठेकेदारों का आरोप है कि लॉग इन करने पर बार-बार फेल बता रहा है, जिसके चलते थोक गोदाम एफएल 2 से शराब की खरीद नहीं हो पा रही और सप्लाई दुकान तक पहुंचने में बाधा खड़ी हो गई है। जिसके चलते व्यवसाय प्रभावित हो रहा है।
जिला आबकारी अधिकारी अतुल द्विवेदी ने बताया कि ट्रायल के दौरान 65 लाइसेंस धारियों के साथ छोटी मोटी समस्या आई थी, अधिकांश की समस्या को दूर कराया गया। वर्तमान में इस समस्या से प्रभावित कुल 9 लाइसेंसधारी बचे हैं, जिनको विशेष परिस्थितियों में ऑफलाइन सुविधा दी गई है। विभाग समस्या से निदान के लिए रोज रात 9:30 बजे से बैठक करता और जिले से ब्लॉक तक मौजूद विशेषज्ञों की टीम से तकनीकी समस्याओं का निदान कराया जा रहा है।