गाजियाबाद। मसूरी थाना में तैनात एक दरोगा को धोखाधड़ी के मामले में दर्ज एफआईआर में एफआर लगाने के नाम पर चार लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में दरोगा को निलम्बित कर दिया गया है।
डीसीपी (ग्रामीण) विवेक चंद्र यादव ने बताया, थाना मसूरी में मीट फैक्ट्री है। इसके संचालक पिता-पुत्र पर हापुड़ निवासी कारोबारी उम्मेद अली ने 60 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मुकदमा थाना मसूरी में दर्ज कराया था। आरोप था कि फैक्ट्री संचालकों ने उम्मेद अली से 60 लाख रुपए का माल लिया, लेकिन भुगतान नहीं किया। इस केस की जांच सब इंस्पेक्टर रणविजय प्रताप कर रहे थे। जिन लोगों पर ये एफआईआर हुई थी, उनके अधिवक्ता ने पुलिस को एक ऑडियो क्लिप मुहैया कराई। इसमें दरोगा रणविजय प्रताप केस खत्म करने के बदले उनसे 4 लाख रुपए की डिमांड कर रहे थे।
जांच में दरोगा पर लगे घूस मांगने के आरोप सही पाए गए हैं। जिसके बाद थाना मसूरी पर दरोगा रणविजय प्रताप के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। साथ ही दरोगा को निलंबित कर दिया गया है।