स्कूलों को व्यय शुल्क नहीं मिलने पर पूछताछ शुरू

डीआईओएस को प्रमाणपत्र देना है कि इन सत्रों में कितने बच्चों ने प्रवेश लिया

Update: 2024-05-29 02:00 GMT

लखनऊ: यूपी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में कक्षा नौ और 11वीं में पंजीकरण शुल्क के साथ स्कूलों को व्यय शुल्क नहीं मिलने पर पूछताछ शुरू हो गई है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक और बोर्ड के पदेन सभापति डॉ. महेन्द्र देव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से शैक्षिक सत्र 20- से 2022-23 तक के छह साल का ब्योरा तलब किया है. डीआईओएस को प्रमाणपत्र देना है कि इन सत्रों में कितने बच्चों ने प्रवेश लिया और शुल्क के रूप में कितनी धनराशि प्राप्त हुई.

इससे पहलेसूचना मांगी गई थी. लेकिन, जिलों से जानकारी नहीं मिली. जानकारों की मानें तो पहले जब ऑफलाइन पंजीकरण/परीक्षा फार्म भरे जाते थे तो यूपी बोर्ड विद्यालयों को पंजीकरण/परीक्षा शुल्क में से फार्म भरने का खर्च देता था. तकरीबन एक दशक पहले जब पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन हुई तो तबसे स्कूलों को व्यय शुल्क नहीं मिला. इसी को लेकर शासन में शिकायत होने पर सूचना मांगी जा रही है. शासन ने नौ सितंबर 2022 को भी यह सूचना मांगी थी.

पंजीकरण/परीक्षा फार्म फीस से प्रति छात्र 10 रुपये स्कूलों को मिलना चाहिए था. लेकिन, 10 वर्ष से आज तक यह धनराशि नहीं मिली है. यदि विभाग धनराशि वापस नहीं करता है तो हाईकोर्ट व मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे.

- जियारत हुसैन, प्रधान महासचिव, वित्तविहीन शिक्षक महासभा

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