उत्तरप्रदेश | शहर में स्वास्थ्य विभाग की बीमारू व्यवस्था में पिसकर बुखार पीड़ित फैजुल्लागंज के एक मासूम की सांसें थम गईं. बेड खाली न होने का हवाला देकर सरकारी अस्पतालों में मासूम को भर्ती नहीं किया गया.
परिवार के लोग उसे लेकर शहरभर में भटकते रहे. आखिरकार एक निजी अस्पताल पहुंचे तो आईसीयू में भर्ती होने के बाद वेंटिलेटर पर बच्चे की सांसें उखड़ गईं. फैजुल्लागंज की कई कॉलोनियों में डेंगू-बुखार से 50 से अधिक लोग बीमार हैं.
सूचना के बावजूद नगर निगम के अफसर सफाई, एंटीलार्वा छिड़काव नहीं करा रहे हैं. इसके अलावा शहर में डेंगू के 28 नए मरीज मिले हैं जबकि मच्छर जनित स्थिति मिलने पर दो लोगों को नोटिस दिया गया.
फैजुल्लागंज के प्रीती नगर प्रजापति टावर के पास रहने वाले शैलेंद्र सिंह के बेटे अज्जू (4) को चार दिन से तेज बुखार था. परिवार के लोग पहले स्थानीय डॉक्टर से दवा लेकर इलाज करते रहे, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ. मासूम बेसुध हो गया. परिजन उसे तुरंत केजीएमयू ले गए. वहां इलाज के बजाए बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया. बलरामपुर में भी बेड न खाली होने की बात कहकर इमरजेंसी में मौजूद इंटर्न ने लोहिया रेफर कर दिया. बच्चे की हालत लगातार बिगड़ता देखकर मजबूर परिजन शहीद पथ स्थित एक अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टरों ने मासूम को आईसीयू में भर्ती किया गया. बच्चे की सांसें उखड़ती देखकर उसे वेंटिलेटर पर डाला गया मगर शाम करीब पांच बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया.