गोरखपुर न्यूज़: डीडीयू में हुए विवाद में घायल विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता भी अपना मेडिकोलीगल कराना चाहते हैं. एबीवीपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के जरिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों में संपर्क भी किया. उधर, पुलिस और प्रशासन ने स्वास्थ्य महकमे पर प्राइवेट मेडिकोलीगल न करने का दबाव बनाए रखा. इसके कारण छात्र एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी तक चक्कर काटते रहे. इनमें अर्पित व दीपक भी शामिल रहे. कुछ छात्रों ने सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे से भी मुलाकात की. सीएमओ ने छात्रों के पत्र पर इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर को प्रेषित कर दिया. फिर भी नतीजा सिफर रहा. छात्रों की चोट को एक्सीडेंटल रजिस्टर में दर्ज कर उन्हें टरका दिया गया.
पुलिस लाइन में हुआ छात्रों का मेडिकल चेकअप पुलिस ने गिरफ्तार आठ छात्रों को अदालत में पेश किया. इससे पूर्व छात्रों का पुलिस लाइन में मेडिकल चेकअप कराया गया. बताया जाता है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने अस्पताल प्रशासन को फोन कर डॉक्टरों की टीम पुलिस लाइन भेजने के लिए कहा.
मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज गोरखपुर विश्वविद्यालय में पुलिस और छात्रों के बीच टकराव में दो छात्र भी घायल हुए थे. उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हंक डिस्चार्ज कर दिया गया. उधर, कुलपति कार्यालय पर हुए टकराव में पुलिसकर्मियों ने कुछ छात्रों की जमकर पिटाई कर दी थी. इस घटना में अर्पित कसौधन और दीपक पांडेय घायल हो गए. उनकी तबीयत बिगड़ने पर आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. पहले ट्रॉमा सेंटर फिर मेडिसिन वार्ड में इलाज चला है. डिस्चार्ज कर दिया गया. इस घटना में दीपक पांडेय भी घायल हुए. आरोप है कि पुलिस द्वारा लाठी चटकाने के दौरान घायल हुए. उन्हें भी सहपाठी लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. जहां ट्रामा सेंटर प्राथमिक उपचार किया गया. बाद में डिस्चार्ज कर दिया गया.