दो सबसे खतरनाक हाईवे को सुधारने की पहल

मॉडल सेफ रोड बनेंगे शहर के दो खतरनाक हाईवे

Update: 2024-05-06 07:30 GMT

लखनऊ: दो सबसे खतरनाक हाईवे को सुधारने की पहल की गई है. पिछले तीन सालों में सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौतों के जिम्मेदार एक नेशनल हाईवे और एक स्टेट हाईवे को ‘जीरो डेथ’ का लक्ष्य रखकर सुधारा जाएगा. दोनों हाईवे को मॉडल सेफ रोड बनाना है. जानलेवा नेशनल हाईवे कानपुर-सागर (नौबस्ता-हमीरपुर) मार्ग है. इस हाईवे पर पिछले तीन सालों में हुए हादसों में 546 मौतें हो चुकी हैं. एक डेडली स्टेट हाईवे को 29 को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में चिन्हित किया जाएगा.

बिना डिवाइडर टू-लेन हाईवे के कारण 546 मौतें नौबस्ता-हमीरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कानपुर से हमीरपुर-महोबा तक पिछले तीन सालों में सड़क हादसों में 546 मौतें हुई हैं. क्षमता से 10 गुना ज्यादा लोड झेल रहे हाईवे पर बुंदेलखंड क्षेत्र के मौरंग, गिट्टी, बालू के ट्रकों का लोड है. यह टू-लेन हाईवे हैव इसमें डिवाइडर नहीं है. नौबस्ता से यमुना तक पुलिस ने जगह ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं.

फोर लेन हाईवे करने का होगा प्रस्ताव 29 को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में स्टेक होल्डर की बैठक में इस नेशनल हाईवे को फोर लेन और बीच में डिवाइडर बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा.नाले को शिफ्ट करने पर भी चर्चा होगी. कानपुर के स्टेट हाईवे में जिनमें अब तक ज्यादा दुर्घटनाओं में मौतें हुई हैं, उनको चुना जाएगा. पुखरायां-घाटमपुर-बिंदकी, चौबेपुर-बिठूर, चौबेपुर-बेला, मंधना-गंगा बैराज हाईवे समेत स्टेट हाईवे में किसी एक को मॉडल सेफ रोड के तहत चुना जाएगा.

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