मोक्षायतन योगाश्रम और सीनियर सिटीजंस की पहल,योग गुरु ने पकड़ी भिक्षाटन की राह, 9 जून से शुरू करेंगे भिक्षाटन

Update: 2023-06-04 15:21 GMT

सहारनपुर। मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान के संस्थापक पद्मश्री स्वामी भारत भूषण और प्रख्यात उद्योगपति व सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक के एल अरोरा की अगुआई में इन दोनो संगठनों से जुड़े लोग नौ जून से लोगों के द्वार पर जाकर संस्कार भिक्षा मांगने की शुरुआत करेंगे और ये सिलसिला निरंतर चलेगा। आज संस्थान के बेरीबाग स्थित मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में योग गुरु पदमश्री भारत भूषण और के एल अरोरा ने इस अपनी तरह के अनूठे अभियान की जानकारी दी।

स्वामी भारत भूषण ने बताया कि दुनिया को खुशहाल जीवन की राह दिखाने वाले हमारे समाज का स्वयं अपनी जीवनशैली से विमुख हो जाना आज पारिवारिक बिखराव, अनेक सामाजिक चुनौतियों व स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन चुका है। अपने घर परिवार और देश को संभालने की पहल हमें ही करनी होगी, जिसके लिए मोक्षायतन योग साधक संघ सीनियर सिटीजंस वेलफेयर सोसाइटी व अन्य जिम्मेदार संस्थाओं के सहयोग से भिक्षाटन के माध्यम से व्यापक पुनर्जागरण अभियान पर निकले हैं जो 9 जून सवेरे 6 बजे कंपनी बाग प्रदर्शनीस्थल से शुरू होगा। उन्होंने आवाहन किया कि इस लोकहित के योग संस्कार भिक्षा अभियान से जुड़कर सभी जिम्मेदार नागरिक जन जागरण कार्य में सेवा देने का गौरव पा सकते हैं।

के एल अरोरा ने कहा कि स्वामी जी की प्रेरणा पर हम जीवन शैली में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए घर-घर जाकर इन पांच संकल्पों की भिक्षा मांगेंगे- नियमित ब्रह्म मुहूर्त जागरण व मातृ पितृ गुरु व ईश्वर को कृतज्ञ नमन, नित्य योगाभ्यास व व्यायाम, सात्विक शाकाहारी भोजन व नशे का त्याग, स्वाध्याय व आत्म निरीक्षण, अपनी आस्था के अनुसार ईश्वर उपासना।उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि आप इन संकल्पों की महिमा नहीं जानते! आप भी मानते हैं कि ऐसा होना चाहिए लेकिन चाहकर भी ऐसा पूरी तरह करने का इरादा नहीं बना पाए। स्वामी भारत भूषण ने कहा कि वह अच्छे से जानता हूं कि इच्छाएं अधूरी ही रह जाती हैं, कोशिश में फिफ्टी-फिफ्टी चांस रहता है लेकिन आप जब संकल्प कर लेते हैं तो वो अवश्य पूरा होता है।

इसीलिए आज से आपसे शुभ संकल्प की ही भिक्षा मांगने की पहल की जा रही है ! महासचिव सुरेंद्र लूथरा ने कहा कि समाज को दिशा देने की जिम्मेदारी गुरुओं व अनुभव वृद्ध बड़े बूढ़ों की रही है उन्होंने विश्वास जताया की गुरु भारत भूषण व के एल अरोरा के मार्गदर्शन में हमारा ये संस्कारिक पुनर्जागरण का भिक्षाटन अभियान हमारी इस जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता की मिसाल बनेगा। मोक्षायतन अधिष्ठाता एन के शर्मा ने कार्ययोजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये अभियान राष्ट्रव्यापी होगा।

जिसमे अन्य संस्थाओं व मीडिया को भी सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा क्योंकि अर्जुन और श्रीकृष्ण के बीच हुआ गीता रूपी संवाद आज गीता के रूप मे केवल संजय सरीखे सशक्त मीडिया के कारण ही दुनिया के हाथों में है। पूर्व अध्यक्ष प्रेमनाथ छोकरा ने अभियान के प्रति अपने समर्पण घोषित करते हुए कहा कि ये संकल्प भिक्षा देने में आपका ही नहीं आपकी आने वाली पीढ़ी और अपने देश का भी हित है। उन्होंने कहा

कल कल करते पल पल टलते,

कितना जीवन हो गया व्यतीत,

आओ मेरे प्रिय जगें इसी पल,

जीवन ना जाए यूं ही बीत।

बता दे, कि जिन्होंने कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया उन्होंने आज अपने समाज को संवारने और नई पीढ़ी को उसके गौरवपूर्ण संस्कारों की धरोहर लौटाने के लिए, उनसे ही भिक्षा मांगने की राह पकड़ी है ये भिक्षा है संस्कार संकल्प की भिक्षा।

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