दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, हरियाणा के विभिन्न शहरों से बृहस्पतिवार को यमुना नदी में निरंतर अत्यधिक रासायनिक कचरा बहाने जाने के कारण पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है।
हरियाणा से यमुना नदी में कम पानी आने के बीच अब अमोनिया युक्त पानी आना शुरू हो गया है। इस कारण यमुना नदी से जुड़े दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला जल शोधक संयंत्र ने अमोनिया युक्त पानी साफ करने से हाथ खड़े कर दिए है।
दरअसल इन तीनों संयंत्रों में पानी का उत्पादन गिर गया है। जानकारों का मानना है कि यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा सामान्य नहीं होने तक नई दिल्ली समेत दिल्ली के करीब 30 प्रतिशत इलाके में पेयजल संकट बना रहेगा।
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, हरियाणा के विभिन्न शहरों से बृहस्पतिवार को यमुना नदी में निरंतर अत्यधिक रासायनिक कचरा बहाने जाने के कारण पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है। इस कारण यमुना नदी से जुड़े वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला जल शोधक संयंत्र में पानी का उत्पादन कम होना शुरू हो गया।
इसका सीधा असर शुक्रवार से पेयजल आपूर्ति पर पड़ना आरंभ हो जाएगा। इसके चलते यमुना नदी में अमोनिया का स्तर कम नहीं होने तक इन संयंत्रों में से पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहेगी। गौरतलब है कि यमुना नदी से जुड़े वजीराबाद बैराज में जलस्तर कम होने के कारण ये तीनों संयंत्र करीब दो माह से पूरी क्षमता में नहीं चल रहे है। वजीराबाद बैराज में जलस्तर करीब छह फीट कम है। उधर, यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के मामले से दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने हरियाणा सरकार के संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी है।
इन इलाकों में पेयजल प्रभावित होगा
नई दिल्ली के तमाम इलाके, सिविल लाइंस, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़ गंज राजेंदर नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंद पुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रह्लाद पुर, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी, दिल्ली छावनी एवं उनके आसपास के इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहेगी।