लखनऊ। राजधानी में चिनहट स्थित नगर निगम के आश्रय गृह में राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने फीता काटकर भिक्षावृत्ति छोड़ चुके बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास का शुभारम्भ किया। इस मौके पर अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि इस स्मार्ट क्लास का शुभारम्भ करने की मुझे अत्यंत खुशी है। 4 अक्टूबर 2022 को राजभवन में आये इन बच्चों से किया मेरा वादा पूरा हुआ जिसकी मुझे अपार खुशी है। उन्होंने कहा कि इन बच्चे जिस प्रकार से अपने स्वयं में सकारात्मक बदलाव लाये हैं,वह दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। साथ ही सभी बच्चे अपने भविष्य को संवारने में इन उपकरणों का भरपूर उपयोग करें और दूसरों को भी पुनर्वास करने में सरकार और समाज का सहयोग करें। आशा है आप सब के सहयोग से यह स्मार्ट क्लास एक मॉडल क्लास के रूप में विकसित होगी और फिर जिसे शहर के अन्य हिस्सों में भी स्थापित करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे ज्ञात हुआ है कि लखनऊ नगर निगम द्वारा शीघ्र ही स्मार्ट बस भी शुरू की जा रही है।
जिसे लखनऊ परिक्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में चलाया जायेगा और जो भी अन्य भिक्षावृति से जुड़े हुए लोग और बच्चे हैं उनको शिक्षित करने का प्रयास किया जायेगा। यह बस बड़े लोगों को जो कि भिक्षावृति से जुड़े हुए है उनको भी शिक्षित करेगी एवं उनको अन्य सरकारी योजनाओ के बारे में जानकारी भी उपलब्ध कराएगी।चिनहट क्षेत्र के इस समुदाय की महिलाओं का स्वयं सहायता समूह भी बनाया गया है। जिसमें 10-10 महिलाओं के दो समूहों का गठन किया जा चुका है तथा उनके बैंक में खाते भी खुलवाए जा चुके है,जिससे उनको व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ा जायेगा। अंत में उन्होंने कहा कि इन बच्चों से जुड़े इस कार्यक्रम में मैं अपना पूरा सहयोग प्रदान करूँगी। जिससे इनको मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इस मौके पर नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से शहर में भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों के पुनर्वास के लिए स्माइल परियोजना का क्रियान्वयन लखनऊ नगर निगम और उम्मीद संस्था द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना की यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है कि 100 से अधिक बच्चों और 150 से अधिक वयस्कों ने पूर्ण रूप से भिक्षावृत्ति को छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुझे खुशी है कि आगे चलकर देश व प्रदेश की समृद्धि में इनका योगदान भी जोड़ा जायेगा।