आजादी के अमृत पर्व में 72 साल के दो हाथी भी देंगे अमूल्य योगदान, जानिए क्या है योजना
हाथी भी देंगे अमूल्य योगदान
चित्रकूट. इस बार देश अमृत महोत्सव मना रहा है. हर घर में तिरंगा लहराया जा रहा है. भारत नेपाल सीमा से सटे कर्तनिया घाट की वादियां द्वार तिरंगा में होंगी. दरअसल यहां आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर शानदार यादगार तरीके से मनाए जाने की योजना है. जिसको लेकर हथिनी जयमाला और चंपाकली तिरंगे रंग में रंग कर तिरंगा यात्रा पर निकलेंगी. महावतों के हर इशारे पर अपने अंदाज में भारत माता की जय कारे लगाएंगी. तब धरा कि नहीं आसमान भी राष्ट्रीय की प्रति उनके समर्पण का साक्षी बनता दिखेगा.
देश आजाद होने की की 75 वीं वर्षगांठ पर 75 किलोमीटर तिरंगा पदयात्रा के दौरान गांधी चबूतरा बलिदानों की शिला पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगी. आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए जय माल व चंपाकली को महावत व चित्रकार सजाने और संवारने में जुट गए हैं. इस संबंध में डीएम दिनेश चंद्र की पहल पर डीएफओ आकाशदीप वधावन जलवा जंगल में अमृत महोत्सव को यादगार बनाने में जुटे हैं.
72 साल की जय माल व चंपाकली ने एमपी स्वतंत्र भारत को नजदीक से देखा है. ऐसे में डीएफओ के नेतृत्व में दोनों हथिनी सीमावर्ती गांव में तिरंगा संदेश लेकर पहुंचेगी गांवों में लोगों को तिरंगा बैठकर हर्बल तिरंगा लगाने का सम्मान करने की सीख देंगी. राष्ट्रीय उनके प्रति राजधर्म का पालन करने वाली जयमाला चंपाकली की संदेश यात्रा को कवर करने के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी. इसके लिए उच्च क्षमता के ड्रोन मंगाए गए हैं.