नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को 25-25 साल की सजा

Update: 2024-05-01 06:31 GMT
मऊ : विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट राजवीर सिंह ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में नामजद सगे भाइयों सहित तीन आरोपियों को सुनवाई के बाद दोषी पाया। दोषी पाए जाने के बाद तीनों को 25 -25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ ही 50-50 हजार रुपया अर्थदंड लगाया। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं अर्थदंड जमा हो जाने पर कुल 75 हजार रुपए पीड़िता को देने का आदेश दिया। मामला मधुबन थाना क्षेत्र का है।
 अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा की 15 वर्षीय नाबालिग बहन 7 जुलाई 2016 की सुबह 6 बजे शौच करने के लिए खेत में गई हुई थी। उसी दौरान आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। तथा उसे जहर पिला दिया, जिससे उसकी तबियत खराब हो गई।
पुलिस ने वादी की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर बाद विवेचना मधुबन थाना क्षेत्र के गुलैचा गांव निवासी बबलू राजभर और पप्पू राजभर पुत्रगण रमाकांत राजभर तथा रामप्यारे राजभर पुत्र श्रीकांत राजभर के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया।
कोर्ट में अभियोजन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक विमल कुमार श्रीवास्तव, प्रवीण कुमार मिश्रा और रामचंद्र चौहान ने कुल 8 गवाहों को पेश कर अभियोजन का पक्ष रखा। बचाव पक्ष से कहा गया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है।
विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपीगण बबलू राजभर, पप्पू राजभर और रामप्यारे राजभर को नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का दोषी पाया।
दोषी पाए जाने के बाद सभी को 25-25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ ही 50-50 हजार रुपए अर्थदंड लगाया। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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