Pratapgarh में दवाइयों से धरती जहरीली हो रही

Update: 2023-06-29 11:31 GMT

प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ जिले में पिछले कुछ वर्षों से फसलों में कीटनाशकों का प्रयोग काफी बढ़ गया है। चाहे वह ख़रीफ़ हो या रबी, अनाज हो या सब्ज़ी। सभी फसलों में कीटनाशकों का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जिससे खेत जहरीले होते जा रहे हैं. वहीं, लोगों के शरीर में धीमा जहर पहुंच रहा है। गौरतलब है कि पिछले सालों से खेतों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से कांठल भी अछूता नहीं रहा है. उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान कई तरह की दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

जिले में किसानों में वैसे ही जागरुकता का अभाव है। ऐसे में किसान अपने खेतों में उत्पादन बढ़ाने और अधिक मुनाफा कमाने के कुचक्र में फंसे हुए है। इससे जमीन खराब होती जाती है। वहीं उपज में गुणवत्ता लगातार घटती जाती है। कांठल के खेतों में कीटनाशक और रासायनिक उर्वरक का अंधाधुंध प्रयोग करने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में इनकी खपत लगातार बढ़ रही है। रबी और खरीफ की सीजन में पिछले वर्षों से खपत लगातार बढ़ी है।

इसके साथ ही अधिकांश किसान अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं, पारंपरिक जैविक खाद और तरीकों को भुलाया जा रहा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि खाद्यान्न प्रदूषित हो रहा है, वहीं भूमि की उर्वरता कम हो रही है। मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसका असर खाद्यान्न पर भी पड़ रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो खाद्यान्न भी जहरीला होता जा रहा है। अगर हम समय रहते नहीं चेते तो धरती बंजर और जहरीली हो जाएगी। वहीं खाद्यान्न भी इससे अछूता नहीं रहेगा। किसानों को अब जागरूक होने की जरूरत है। वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से उपज तो बढ़ेगी लेकिन उपज जहरीली हो जाएगी।

Tags:    

Similar News