केजीएमयू में रात तीन बजे से लगानी पड़ रही लाइन, दो दिन में पंजीकरण नहीं हो पाया

Update: 2023-10-09 09:53 GMT
उत्तरप्रदेश |  केजीएमयू की ओपीडी में डॉक्टर की सलाह के लिए रात तीन बजे से ही कतारें लग रही हैं. महिलाओं व पुरुषों की अलग लाइन लगती है. फिर भी करीब आधा किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मरीजों का पंजीकरण हो पाता है. सुबह आठ बजे से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होती है. इस दौरान मरीज-तीमारदार खुले आसमान के नीचे लाइन में इंतजार करते हैं.
केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना 6000 से 7000 मरीज आ रहे हैं. नए व पुराने ओपीडी ब्लॉक के अलावा क्वीनमेरी, लारी कॉर्डियोलॉजी, मानसिक, वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग, रेस्पिरेटरी मेडिसिन समेत अन्य विभागों की ओपीडी अलग से संचालित हो रही है. इसके बावजूद मरीजों को पंजीकरण के लिए पांच से छह घंटे इंतजार करना पड़ रहा है. न्यू ओपीडी ब्लॉक से छत्रपति शाहूजी महाराज गेट के निकट डेंटल बिल्डिंग तक मरीज कतार में खड़े नजर आए. इनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे. बहुत से मरीज सड़क पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, जबकि नई व पुरानी ओपीडी के गेट के पास सैकड़ों की संख्या में मरीज लाइन में थे. सुबह करीब आठ बजे न्यू ओपीडी ब्लॉक का गेट खुला. एकदम से भीड़ भवन के भीतर दाखिल होने के लिए आगे बढ़ी. धक्का-मुक्की होने लगी.
दो दिन में पंजीकरण नहीं हो पाया, इलाज तो दूर
बिहार के हरीश सिंह को आंतों से जुड़ी परेशानी है. उन्होंने बताया कि जनरल सर्जरी विभाग में दिखाने के लिए रात तीन बजे से लाइन में लगे हैं. हरदोई की अनीता रावत का कहना है कि चक्कर व उल्टी संबंधी परेशानी है. लारी में दिखाने के लिए दो दिन से कोशिश कर रहे हैं. पंजीकरण ही नहीं हो पा रहा है. इस वजह से डॉक्टर की सलाह नहीं मिल पा रही है.
बहुत से मरीज सामान्य बीमारियों से पीड़ित होते हैं. इनका इलाज जिलास्तरीय अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में मुमकिन है. इनकी वजह से मरीजों का दबाव बढ़ रहा है. फिर भी किसी को लौटा नहीं रहे.
डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू
Tags:    

Similar News

-->