बरेली न्यूज़: अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच में सीएमओ ऑफिस घिरता जा रहा है. फरीदपुर में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर को खोलने की अनुमति एसीएमओ ने ही दी थी. इस बाबत उन्होंने अल्ट्रासाउंड सेंटर को लिखित अनुमति दी थी और इसका पत्र भी आलाधिकारियों के पास पहुंच गया है. उसी सेंटर के खिलाफ अब मुकदमा भी दर्ज हो गया है.
फरीदपुर में कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर पर बीते दिनों सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने छापा मारा था. जांच में उसके पास फरीदपुर में अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने की अनुमति नहीं मिली थी. पता चला था कि उसका अल्ट्रासाउंड सेंटर फतेहगंज के पते पर पंजीकृत है और फरीदपुर में अवैध तरीके से संचालित हो रहा है. फरीदपुर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया है. अब पता चला है कि कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर को अवैध तरीके से फरीदपुर में सेंटर चलाने की अनुमति एसीएमओ ने ही दी थी. उनकी मुहर और हस्ताक्षर वाला पत्र भी वायरल हो गया है. जब कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर बंद कराया गया था तो प्रबंधन की तरफ से वह पत्र आलाधिकारियों को भी दिखाया गया था.
सेंटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. शासन के निर्देश पर अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच चल रही है और जांच पूरी होने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है. एक जगह पंजीकृत सेंटर को दूसरी जगह बिना प्रक्रिया पूरी किए चलाना गलत है. -डॉ. बलवीर सिंह, सीएमओ.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दर्ज मुकदमे पर भी सवाल
अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चल रहा अभियान भी संदेह के घेरे में आ गया है. जब मौके पर पंजीकरण के दस्तावेज पूरे नहीं मिलते, रेडियोलाजिस्ट नहीं मिलते, अप्रशिक्षित युवक अल्ट्रासाउंड जांच करता पकड़ा जाता है, इसके बाद भी मुकदमे में सभी को बचाने का प्रयास किया गया है.
जांच करते पकड़े गए युवक को भी छोड़ दिया गया
अधिकारियों ने फरीदपुर थाने में जो मुकदमा दर्ज कराया है, उसमें किसी का नाम ही नहीं खोला गया है, जबकि विभाग के पास रिकॉर्ड होता है. सवाल भी उठ रहा है कि रेडियोलाजिस्ट की जगह जो युवक जांच करते मौके पर पकड़ा गया था, उसे क्यों छोड़ दिया गया. बिना डिग्री इलाज, जांच करना कानूनन अपराध है. ऐसे में अफसरों ने उसके खिलाफ रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई.