New Delhi नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट को 60 दिनों के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। याचिका में दावा किया गया है कि वहां भूजल के अवैध दोहन पर कुछ नहीं किया गया है। 17 अक्टूबर को एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि चूंकि 13 अगस्त, 2024 को दिए गए आदेश में समय-सीमा तय नहीं की गई थी, इसलिए आवेदक की शिकायत का समाधान नहीं किया गया।
पीठ ने कहा, "इसलिए हम निष्पादन आवेदन का निपटारा करते हैं और डीएम को इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से 60 दिनों के भीतर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं।" याचिका में दावा किया गया कि जिले में भूजल प्रबंधन परिषद से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना भूजल निकाला जा रहा है और यह उत्तर प्रदेश भूजल (प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम का उल्लंघन है। न्यायाधिकरण ने अपने पिछले आदेश में डीएम को इस मुद्दे पर विचार करने, सही तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाने और शीघ्रता से उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता ने फिर से न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया और कहा कि निर्देशों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।