आईआईटी कानपुर प्रदूषण मुक्ति के लिए कार्बन स्टोर करेगा

रिसर्च को प्रभावी बनाने के लिए संस्थान ने इंजीनियर्स आईएनडी के साथ एक समझौता भी किया

Update: 2024-04-27 09:54 GMT

लखनऊ: पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने को आईआईटी कानपुर कार्बन स्टोर करेगा. वातावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने वाले कार्बन को स्टोर करने के बाद रीप्रोड्यूस कर उपयोगी उत्पाद विकसित करेगा. इसको लेकर संस्थान के वैज्ञानिकों ने दो बिंदुओं पर रिसर्च शुरू कर दी है. जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन और कार्बन रीप्रॉसेस कर स्टोर करना है. रिसर्च को प्रभावी बनाने के लिए संस्थान ने इंजीनियर्स आईएनडी के साथ एक समझौता भी किया है.

संस्थान में यह रिसर्च आईआईटीके-ईआईएल क्लीन एनर्जी रिसर्च सेंटर में की जा रही है. सेंटर पर वैज्ञानिकों की टीम ग्रीन हाइड्रोजन और कार्बन पृथक्करण व मूल्य वर्धित उत्पाद या ईंधन पर काम कर रही है. इससे देश को प्रदूषण से मुक्ति और स्थायी ईंधन का विकल्प मिलेगा. संस्थान ने कार्बन से मुक्ति के लिए कैम्पस को भी न्यूट्रल कार्बन परिसर बनाने का फैसला लिया है.

संस्थान के निदेशक प्रो. एस गणेश ने कहा कि वातावरण व पर्यावरण को बचाने के लिए कार्बन से मुक्ति पाना जरूरी है.

न्यूट्रल कार्बन बनाने की तैयारी में: संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम वातावरण से कार्बन को कम करने का प्रयास कर रही है. रिसर्च से ऐसे उत्पाद विकसित किए जाएं, जिससे कार्बन कम उत्सर्जित हो. जितना उत्सर्जन हो, उतना उसका उपयोग किया जा सके. तभी वातावरण प्रदूषण कई संस्थान और परिसर प्रयास कर न्यूट्रल कार्बन बनने की तैयारी कर रहे हैं. संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में ईआईएल के राजीव अग्रवाल, डॉ. आरएन मैती विद्या भूषण, अमिश मांडोवरे आदि मौजूद रहे. ईआईएल की सीएमडी वर्तिका शुक्ला वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहीं.

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