सरकार संवाद से नहीं मानी तो विवाद होगा, पंचायत में बोले ठाकुर पूरण सिंह

Update: 2022-10-15 14:45 GMT
किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह ने कहा कि किसान और मजदूर सरकार से संवाद और विवाद दोनों के लिए तैयार हैं। भाजपा किसी भ्रम की स्थिति में न रहे। किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो इस बार चुनाव में भ्रम दूर कर दिया जाएगा।
मुजफ्फरनगर में राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर आयोजित किसान मजदूर अधिकारी महारैली में ठाकुर पूरण सिंह ने कहा कि किसान की आय दोगुनी नहीं हुई, बल्कि खेती में खर्च बढ़ गया। सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई बढ़ रही है। पिछले 75 साल में किसान को देश में कोई सम्मान नहीं मिला। सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान पिस रहा है। नेता और नौकरशाह खुद को किसान के बेटे बताते हैं, लेकिन उनके भलाई के लिए कदम नहीं उठाते।
उन्होंने मांग रखी कि 2024 के चुनाव में जितने नेता चुनाव लड़ेंगे, उनके लिए फिजिकल, मेडिकल और चरित्र प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाए। सरकार को चेताया कि अपना घमंड छोड़ दें। किसानों से आह्वान किया कि सरकार की गलत नीतियों को मानना छोड़ दें और अपने हक में आवाज उठाएं। युवाओं और किसानों की लड़ाई लड़नी होगी। पंचायत में एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार को मांगपत्र सौंपा गया।
सरकार को समझा था नई बहू
ठाकुर पूरण सिंह ने कहा कि नई सरकार बनीं थी। सबको उम्मीद जग गई थी, लेकिन धरातल पर इसके उलट हुआ। कटाक्ष किया कि हमने सरकार को नई बहू की तरह समझा था। किसानों ने सोचा था कि कुछ दिन में उनके हित में कार्य होंगे, लेकिन सरकार ने चिल्लतर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
किसान मजदूर संगठन ने यह रखी मांग
– देश में शिक्षा और चिकित्सा बिल्कुल मुफ्त होनी चाहिए
– किसनों को मूल्य तय करने का अधिकार दिया जाए
– स्नातकों को रोजगार या बेरोजगारी भत्ता दिया जाए
– फैक्ट्रियों में जाने से नदियों का पानी रोका जाए
– देश के किसानों का कर्ज माफ करें सरकार
– पीएम किसान निधि का हर किसान को लाभ मिले
– जनप्रतिनिधियों की पेंशन बंद की जाएअध्यक्षता ठाकुर पूरण सिंह और संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता ललित राणा ने किया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनु मलिक, दीपक सोम, ठाकुर अजब सिंह, बिल्लू राणा, राहुल ठाकुर, देवराज पुंडीर, सुधीर त्यागी, कृष्णपाल, चंद्रगुप्त चेयरमैन, कालूराम हिलवाड़ी, नरेंद्र पुंडीर, लोकेंद्र भोजपुर मौजूद रहे।
भाजपा सरकार से यह भी रखी मांग
किसानों के लिए सरकार बिजली फ्री करें। किसानों के खेतों में खड़े पेड़ों की अनुमति न लेनी पड़े। गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। जिस किसान की जमीन अधिग्रहण की जाए, उसके एक व्यक्ति को रोजगार मिले।
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