ब्रेन स्ट्रोक आता है तो उसे अधिकतम 4.5 घंटे में डाक्टर के पास पहुंच जाना चाहिए
आगरा न्यूज़: उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क अगर किसी को ब्रेन स्ट्रोक आता है तो उसे अधिकतम 4.5 घंटे में डाक्टर के पास पहुंच जाना चाहिए. इस समय के अंदर पहुंचने पर सिर्फ एक इंजेक्शन लगाकर आगे का नुकसान रोका जा सकता है. देर होने पर कई तरह की जांच की जरूरत पड़ती है. छज्जे से गिर रहे छोटे बच्चे बच्चा सबसे पहले ऊपर की ओर चढ़ना शुरू करता है. यही हादसों का कारण बन रहा है. एम्स में आने वाले 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे ऊंचाई से गिरकर आने वाले हैं. जबकि 15 से 20 प्रतिशत बच्चे बालकनी से गिरकर आघात वाले हैं. इनमें से चार से पांच की मौत हो जाती है. इसलिए छोटे बच्चों की सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है.
देश में सिर की चोट से हर साल 1.50 लाख लोगों की मौत हो जाती है. जबकि 50 हजार लोगों की ब्रेन स्ट्रोक से मौत होती है. इसे अंगदान से बचाया जा सकता है. देश भर में एक साल में कुल 700-800 अंगदान होते हैं. जरूरत पड़ने पर कोई रिश्ते-नातेदार ही दान करता है. बीते दिनों लालू यादव को भी किडनी उनकी बेटी ने दी है. साल में दो लाख को किडनी की जरूरत देश में हर साल दो लाख लोगों को किडनी की जरूरत पड़ रही है.
65 में से चार को ब्रेन स्ट्रोक:
एम्स दिल्ली में न्यूरो सर्जरी विभाग के डा. दीपक गुप्ता ने बताया कि दिल की तरह ब्रेन स्ट्रोक में दर्द नहीं होता. यह दर्द रहित होता है. चूंकि अटैक पड़ने पर तत्काल इलाज शुरू करना जरूरी होता है इसलिए समय का ख्याल रखना होगा. देश में हर दो मिनट में एक व्यक्ति को स्ट्रोक पड़ता है. इस तरह के 65 मरीजों में से 4 को ब्रेन स्ट्रोक पड़ जाता है.
ठीक नहीं हो सकता क्षतिग्रस्त दिमाग:
डा. वीआर यादव ने बताया कि क्षतिग्रस्त हो चुके दिमाग को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता. लेकिन इसके दबाव से दिमाग के सेकेंडरी डैमेज (दूसरे हिस्सों) को खराब होने से बचाया जा सकता है. इसलिए समय पर इलाज शुरू कराना बहुत जरूरी है. दिमाग में खून लीक होने या सप्लाई में ़गड़बड़ी होने पर अटैक आ सकता है.