इंसानियत, सभ्यता और कानून, सब जंजीरों में बंधे सिसकते रहे; युवक को चप्पलों से पीटा
झांसी के मऊरानीपुर के शिवगंज मोहल्ले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक युवक को पहले महिलाओं ने चप्पलों से पीटा और फिर हाथ पांव में जंजीर बांधकर उसे मोहल्ले भर में घसीटा गया। वह भीड़ से छोड़ देने की गुहार लगाता रहा, मगर किसी ने कुछ नहीं सुना।
महिलाएं आरोप लगा रहीं थीं कि वह खुद को चिकित्सक बताता है और घर के बगल में ही एक दुकान पर बैठता भी है। उसके पास कोई डिग्री नहीं है। वह अपनी दुकान में प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात कराता है। उनके परिवार की भी एक युवती को उसने बुलाया था। घटना रविवार की बताई जा रही है। मंगलवार को वीडियो वायरल होने के बाद हल्ला मचा।
एसपी देहात का कहना है कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जाएगी। मऊरानीपुर में झांसी रोड के रतोसा तिगौला पर नरेंद्र आर्य नाम का युवक रहता है। उसने गली में अपने घर के बगल में एक दुकान खोल रखी है जिसमें वह बैठकर लोगों का उपचार करता है।
रविवार को दुकान बंद थी और नरेंद्र अपने घर पर था। दोपहर को करीब 12 बजे महिलाओं और पुरुषों की भीड़ उसके घर पर पहुंची और आवाज लगाकर उसे बाहर बुला लिया। नरेंद्र जैसे ही अपने घर के दरवाजे पर आया भीड़ ने उसे बाहर खींच लिया और महिलाओं ने चप्पलों से पीटना शुरू कर दिया।
महिलाओं का आरोप था कि वह अपनी दुकान में प्रेमी और प्रेमिकाओं को मिलवाता है। यह महिलाएं अपने परिवार की एक युवती का भी नाम जोड़ रही थीं। हालांकि नरेंद्र हाथ जोड़कर बार- बार कह रहा था कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया लेकिन महिलाएं सुनने को तैयार नहीं थीं। नरेंद्र के हाथ और पैर में भी जंजीर बांध दी और फिर मोहल्ले में उसे घसीटा गया।
नरेंद्र महिलाओं के आगे गिड़गिड़ाता रहा, मगर किसी ने रहम नहीं दिखाया। उसके हाथ-पांव भी छिल गए थे। इस घटना का हल्ला मंगलवार को तब मचा जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। पुलिस के आला अफसरों तक भी वीडियो पहुंचा तो तत्काल थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। एसपी (आरए) गोपीनाथ सोनी के मुताबिक अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके वीडियो के आधार पर उनकी तलाश की जा रही है।
इंसानियत, सभ्यता और कानून...सब जंजीरों में बंधे सिसकते रहे
एक तरफ मॉब लिंचिग के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग हो रही है, दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं अब बुंदेलखंड तक में घुस आई हैं। मऊरानीपुर में भीड़ ने कानून का न सिर्फ मखौल उड़ाया बल्कि एक जिंदगी से भी खेल गई। एक युवक के साथ जानवरों जैसा सुलूक किया गया। यह करने वाले कोई नादान लोग नहीं थे।
भीड़ में युवक, महिलाएं और बुजुर्ग तक शामिल रहे। कोई अपराध था तो उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया जा सकता था लेकिन, भीड़ कबीलाई इंसाफ करने पर आमादा हो गई।
मऊरानीपुर में युवक नरेंद्र को लोग लोहे की जंजीर से बांधकर घसीटते रहे। कभी चप्पल से पीटते तो कभी डंडे से। जब युवक को घसीटा जा रहा था तब मोहल्ले के हर घर के दरवाजे पर लोग मौजूद थे, वीडियो बना रहे थे।
लेकिन, कोई भी युवक को बचाने को आगे नहीं आ रहा था। इतना ही नहीं किसी ने पुलिस को फोन करना भी मुनासिब नहीं समझा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है हमलावर जब उसकी चप्पलों से से पिटाई कर रहे थे तब भी नरेंद्र हाथ जोड़कर खुद को बेगुनाह बता रहा था। आसपास खड़े लोगों के पैर पकड़कर बचाने की गुहार भी लगा रहा था।
हैरानी की बात यह कि हमलावरों में 70 साल की बुजुर्ग महिला समेत 14 साल का किशोर तक शामिल हैं। घटना सामने आते ही पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करके उनको जेल भेज दिया। पुलिस का कहना है वीडियो के आधार पर हमलावरों की पहचान कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
क्या खत्म हो गया है पुलिस का सूचना तंत्र
यह घटना रविवार की बताई जा रही है। पुलिस को जानकारी भी मंगलवार को तब हुई जब वीडियो वायरल हुआ। इससे साफ है कि या तो पुलिस का सूचना तंत्र फेल हो गया है या फिर जानकारी होने के बाद भी पुलिस वाले खामोश रहे। एक बड़े मोहल्ले में यह घटना होती है लेकिन पुलिस तक सूचना नहीं पहुंचती। क्या यह संभव है। अब इसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मोहल्ले के कुछ लोगों का कहना है कि यह नहीं हो सकता है कि तीन दिन तक पुलिस को पता न चले। लेकिन थाना पुलिस भी इस घटना को खामोश करने में ही लगी रही।