अवैध कॉलोनियों में कैसे दिये जा रहे बिजली के कनेक्शन

Update: 2022-12-22 11:02 GMT

मेरठ: कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे. और मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे के स्पष्ट आदेश है कि अवैध कॉलोनियों को बिजली के कनेक्शन नहीं दिए जाए, लेकिन अधिकारियों के आदेशों का पालन ऊर्जा निगम के अधिकारी नहीं कर रहे हैं। ज्यादातर अवैध विकसित की जा रही कॉलोनियों में व्यापक स्तर पर बिजली का जाल फैलाया जा रहा है।

आखिर कौन है, जो अवैध कालोनियों में बिजली के कनेक्शन और खंभे ट्रांसफार्मर तक लगवा रहे हैं? क्या ऊर्जा निगम के अधिकारी एक्शन और जेई कमिश्नर से बड़े हो गए हैं। करीब दो दर्जन लेटर ऊर्जा निगम के अधिकारियों को कमिश्नर आॅफिस और मेरठ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष आॅफिस से जा चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद अवैध कालोनियों में विद्युतीकरण किया जा रहा है।

सरधना रोड पर बाइपास से आगे दर्जनभर कॉलोनी विकसित कर दी गई। इन सभी में विद्युतीकरण ऊर्जा निगम ने कर दिया। मेरठ विकास प्राधिकरण के सरकारी रिकॉर्ड में देखा जाए तो इन कालोनियों के ध्वस्तीकरण करने के आदेश है, लेकिन फिर भी इन कालोनियों में कैसे विद्युतीकरण कर दिया गया? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। आखिर कौन कर रहा है विद्युतीकरण? जब वहां पर कोई आदमी नहीं रहता, कोई घर भी नहीं बना है।

रहने वाले नहीं है तो फिर विद्युतीकरण किस बात का? इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसको ऊर्जा निगम के आला अफसर भी आंख मूंद कर देख रहे हैं। इस तरह से मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस नीति की खुली अवहेलना हो रही है। व्यापक स्तर पर विद्युतीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार सामने आ रहा है, लेकिन कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। इसी तरह से बागपत रोड पर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर हो या फिर उसके आसपास में जितनी भी अवैध कालोनियां विकसित की जा रही हैं,

सभी में विद्युतीकरण कर दिया गया है। पांचली के आसपास एक दर्जन से ज्यादा कॉलोनी अवैध विकसित कर दी गई है, जिनमें सभी में विद्युतीकरण कर दिया गया है। यहां रहने वाले नहीं है, फिर भी बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर में बिजली दौड़ रही है। ऊर्जा निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। यही वजह है कि विद्युतीकरण मिनटों में अवैध कॉलोनियों में कर दिया जाता है। यदि आप अपने घर पर बिजली कनेक्शन लेने जाएंगे तो महीनों तक परेशान किया जाएगा,

लेकिन इस मामले में ऊर्जा निगम विभाग अवैध कालोनियों को विद्युतीकरण करने में संकोच भी नहीं करता है। पुट्ठा, कुंडा, भोला रोड, मोदीपुरम, लावड़ रोड, मवाना रोड, राजपुरा रोड, अब्दुल्लापुर रोड ये ऐसे स्थान है, जहां पर व्यापक स्तर पर अवैध कालोनियां विकसित कर दी गई हैं। सभी में ऊर्जा निगम ने कालोनियों को अनाधिकृत तरीके से विद्युतीकरण कर दिया गया है।

ऐसा तब है जब कमिश्नर मेरठ विकास प्राधिकरण की तरफ से पत्र भेजकर विद्युतीकरण नहीं करनी के लिए कहा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ जीरो टोलरेंस पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन कुछ विभाग ऐसे हैं जो सीएम की नीतियों पर काम नहीं करते। अधिकारियों की यहां पर अपनी भ्रष्टाचार की नीति चल रही हैं। अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण इसकी एक बानगी भर हैं। इसकी सीएम योगी आदित्यनाथ शासन स्तर से टीम भेजकर जांच कराये तो भ्रष्टाचार की कलई खुल जाएगी। इसके बाद ऊर्जा निगम के अफसर भ्रष्टाचार की गंगा में कैसे डूबकी लगा रहे हैं, वो भी सामने आ जाएगा।

कृष्णा विहार कॉलोनी में अधूरे विद्युतीकरण पर दे दिए कनेक्शन:

बिजली विभाग द्वारा अधूरे विद्युतीकरण पर सप्लाई देने का आरोप लगा है। साथ ही बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के बिना ठेकेदार को ठेका दिए ही बिजली सप्लाई को चालू कर दिया गया, जबकि नियम है कि बिना विद्युतीकरण को पूरा किये बिजली कनेक्शन नहीं दिए जा सकते। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश शर्मा ने बिजली विभाग पर नियमों को ताक पर रखते हुए कॉलोनी में बिजली कनेक्शन देनें का आरोप लगाया है। आरोप है मवाना रोड स्थित कृष्णा विहार कॉलोनी में 250केवी के दो ट्रांसफार्मर लगाए जाने थे, लेकिन विभाग ने बिना कोई टेंडर निकाले और अधूरे विद्युतीकरण पर ही बिजली कनेक्शन लगा दिया है। हालांकि एमडी आॅफिस के स्टाफ ने कॉलोनी की जांच की तो उसमें तीन किलो वॉट का कनेक्शन देना पाया गया।

साथ ही कंस्ट्रक्शन के कार्य के लिए ट्यूबवेल के ट्रांसफार्मर से कनेक्शन दिया गया था। सवाल है कि नियमों को ताक पर रखते हुए ट्यूबवेल की लाइन से घरेलू या कमर्शियल व अस्थाई कनेक्शन कैसे दे दिया गया? जबकि विभाग के अधिकारियों का कहना है बिजली कनेक्शन अस्थाई तौर पर दिया गया है, जो नियमों के अनुरूप है।

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