कौशांबी। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला मुख्यालय के पूर्णिमा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के खिलाफ मिली शिकायतों पर जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच करने पहुंची टीम को अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर मिला और न ही कागजात ,जिसके बाद अस्पताल को सीज कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार कोखराज थाना क्षेत्र के शहजादपुर निवासी राम सिंहने 27 अगस्त अपनी बेटी शालू सिंह को पूर्णिमा हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।
आरोप है कि 29 अगस्त को शाम अस्पताल के चिकित्सा ने आपेंडिक्स के बहाने ऑपरेशन किया और किडनी निकाल ली। इस बीच 01 सितंबर को शालू सिंह की मृत्यु हो गई। घटना की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी सुजीत कुमार द्वारा मंझनपुर केएसडीएम आकाश सिंह डिप्टी सीएमओ डॉ़ एसके झा व डॉक्टर केडी सिंह की अगवाई में तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिया। शुक्रवार को जांच टीम अस्पताल पहुंची तो वहां एक भी डॉक्टर नहीं मिला ,संचालक भी गायब था सिर्फ एक नर्स और वहां भर्ती दो मरीज पाए गए। अस्पताल से संबंधित कोई अभिलेख नहीं मिला।
टीम ने 04 घंटे टीम अस्पताल में संचालक का इंतजार करते रहे लेकिन जब संचालक नहीं आए नहीं डॉक्टर का पता चला तो टीम द्वारा अस्पताल में भर्ती दोनों मरीजों को जिला अस्पताल भर्ती कर दिया और पूर्णिमा हॉस्पिटल में सरकारी ताला लगा दिए गया है। एसडीएम आकाश सिंह सिंह ने बताया कि अस्पताल संचालक को 3 दिन का अवसर दिया गया है जिसमें वह अस्पताल से संबंधित दस्तावेज जांच टीम के सामने प्रस्तुत करें।