साइंसेज और बिजनेस में सबसे ज्यादा कमाई

कैमिस्ट्री और फिजिक्स आदि में बहुत कम मक्के बचे हैं।

Update: 2023-09-22 12:57 GMT
गाज़ियाबाद: परास्नातक के विज्ञान और उद्योग विषयों में अब तक सबसे ज्यादा कमाई हुई हैं। हालांकि काफी वंचित खाली के बचे छात्रों के पास होने वाले एमए और एमकॉम में अब भी स्नातक के अवसर मौजूद हैं। वहीं एमएससी बॉटनी, कैमिस्ट्री और फिजिक्स आदि में बहुत कम मक्के बचे हैं।
जिले के राजकीय कोचिंग में एमकॉम की 300 से 167 किमी की कोचिंग हो गई हैं। एमएससी बॉटनी में 40 से 24 क्वार्टर पर बढ़त बनाई गई है। एमएससी केमिस्ट्री में 65 में से 47, फिजिक्स में 60 में से 39, एमएससी मैथ में 180 में से 106 और जूलॉजी में 40 में से 29 में परमिशन हो गए हैं। ऐसे में छात्रों के पास साइंस और एमकॉम में अब बहुत कम मौके हैं।
वहीं आर्ट्स के एमए राजनीतिक विज्ञान, इतिहास में हुए हैं। फिर भी इन विषयों में अभी भी बहुत सारे अवशेष खाली हैं। प्राइवेट लिमिटेड, शंभू फ़्लोरिडा, वी क्लासी, ग्रुप, एलआर हुए और गिन्नी देवी स्पेशल आर्टिस्ट के 360 पोर्टफोलियो में से 150 पार्टियाँ हैं। एमए इतिहास की 180 में से 103 डिग्री, एमए हिंदी की 240 में से 63 डिग्री और अंग्रेजी की 240 में से 103 डिग्री पर पहुंच गए। मित्र है कि चौधरी चरण सिंह विवि से संबद्ध जिले के सचिवालय में पारसनाटक की दूसरी मेरिट की अंतिम प्रक्रिया का समापन हो गया।
एमएसएच कॉलेज में एमकॉम में 27, एमएससी बॉटनी में 3, एमएससी कैमिस्ट्री में 8, एमएससी फिजिक्स में 4, एमएससी मैथ में 12, एमएससी जूलॉजी में 3, एमए हिंदी में 32, एमए राजनीति विज्ञान में 65, एम हिस्ट्री में 25 और एमए अंग्रेजी में इसमें 14 पौधे शामिल हैं.
गणित, संस्कृत और अर्थशास्त्र में सबसे कम पहेले
जिले के औद्योगिक कोचिंग में सबसे कम पीएएलएम दर्शन गणित, एमए संस्कृत और एमए अर्थशास्त्र और एमएशास्त्रशास्त्र में हुए हैं। औद्योगिक उद्यम में लघु गणित की कुल 120 तिमाही में पाँच पाँच बचे हुए हैं। वहीं एमए संस्कृत की 180 में 12 कक्षाएं और एमए अर्थशास्त्र में 360 कक्षाएं केवल 75 कक्षाएं पर ही आधारित हैं।
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