उत्तरप्रदेश | जिले में परास्नातक के साइंस और कॉमर्स विषयों में अब तक सबसे ज्यादा दाखिले हुए हैं. हालांकि काफी सीटें खाली होने के चलते छात्रों के पास एमए और एमकॉम में अब भी दाखिले के अवसर मौजूद हैं. वहीं एमएससी बॉटनी, कैमिस्ट्री और फिजिक्स आदि में बहुत कम मौके बचे हैं.
जिले के राजकीय कॉलेजों में एमकॉम की 300 सीटों में से 167 सीटों पर दाखिले हो गए हैं. एमएससी बॉटनी में 40 में से 24 सीटों पर दाखिले हुए हैं. एमएससी कैमिस्ट्री में 65 में से 47, फिजिक्स में 60 सीटों में से 39, एमएससी मैथ में 180 में से 106 और जूलॉजी की 40 में से 29 सीटों पर दाखिले हो गए हैं. ऐसे में छात्रों के पास साइंस और एमकॉम में अब बहुत कम अवसर हैं.
वहीं आर्ट्स के एमए राजनैतिक विज्ञान, इतिहास में हुए हैं. बावजूद इसके इन विषयों में अभी भी बहुत सीटें खाली हैं. एमएमएच, शंभू दयाल, वीएमएलजी, एमएम, एलआर और गिन्नी देवी राजकीय कॉलेजों में एमएम राजनैतिक विज्ञान की 360 सीटों में से 150 दाखिले हुए हैं. एमए इतिहास की 180 में से 103 दाखिले, एमए हिंदी की 240 में से 63 दाखिले और अंग्रेजी की 240 में से 103 सीटों पर दाखिले हो गए हैं. गौरतलब है कि चौधरी चरण सिंह विवि से संबद्ध जिले के कॉलेजों में परास्नातक की दूसरी मेरिट की दाखिला प्रक्रिया संपन्न हो गई.
एमएमएच कॉलेज में एमकॉम में 27, एमएससी बॉटनी में 3, एमएससी कैमिस्ट्री में 8, एमएससी फिजिक्स में 4, एमएससी मैथ में 12, एमएससी जूलॉजी में 3, एमए हिंदी में 32, एमए राजनैतिक विज्ञान में 65, एमए इतिहास में 25 और एमए अंग्रेजी में 14 सीटें खाली हैं.
गणित, संस्कृत और अर्थशास्त्रत्त् में सबसे कम दाखिले
जिले के राजकीय कॉलेजों में सबसे कम दाखिले एमएम गणित, एमए संस्कृत और एमए अर्थशास्त्रत्त् और एमए दर्शनशास्त्रत्त् में हुए हैं. राजकीय कॉलेजों में एमएम गणित की कुल 120 सीटों में से मात्र पांच दाखिले हुए हैं. वहीं एमए संस्कृत की 180 में से 12 दाखिले और एमए अर्थशास्त्रत्त् में 360 सीटों के मुकाबले केवल 75 सीटों पर ही दाखिले हुए हैं.