हाईकोर्ट का जिला मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने से इनकार, जानें क्या है पूरा मामला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट बरेली की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय जाति जांच समिति द्वारा 5 अगस्त 2021 को पारित आदेश रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना है। याची को आयुक्त की अध्यक्षता वाली स्तरीय जाति जांच समिति के समक्ष अपील दायर करने की स्वतंत्रता दी है।
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा एवं न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने नवाबगंज की बर्खास्त पालिकाध्यक्ष शहला ताहिर की याचिका पर सुनवाई करते हुए की है। याची के पास वैकल्पिक उपाय को देखते हुए उपरोक्त आदेश पारित किया गया है। अदालत ने पूर्व में पारित अपने आदेश में विपक्षियों से याचिका पर प्रारंभिक आपत्ति मांगी थी। सरकारी अधिवक्ता ने याचिका की पोषणीयता पर कोई सवाल नहीं खड़े किए थे।
साथ ही उन्होंने अदालत से एक सीमित अवधि के लिए अंतरिम आदेश जारी रखने का अनुरोध किया, जिससे उन्हें वैकल्पिक उपाय का लाभ उठाने में सक्षम बनाया जा सके। अदालत द्वारा समय समय पर अंतरिम आदेश को बढ़ाया गया था। मुख्य रूप से अदालत ने कहा कि अपील आदेश के 15 दिनों के अंदर याची द्वारा संबंधित अधिकारी के समक्ष अपील दाखिल की जाएगी।
याची के द्वारा दाखिल की गई अपील पर उक्त अधिकारी गुणदोष के आधार पर विधि सम्मत आदेश पारित करेंगे। आदेश के 15 दिन की अवधि तक जिला स्तरीय जाति जांच समिति के आदेश के विरुद्ध पारित अंतरिम आदेश जारी रहेगा। उपरोक्त आदेश के अनुपालन में न्यायालय ने वर्तमान याचिका को निस्तारित कर दिया।