बस्ती न्यूज़: अस्पताल कर्मी असुरक्षा के माहौल में ड्यूटी करने को विवश हैं. नाइट ड्यूटी के दौरान तीमारदारों से अस्पताल स्टॉफ का अक्सर विवाद हो जा रहा है, कभी-कभी यह विवाद बड़ी घटना का रूप ले लेता है. स्टॉफ और मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर जिला अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी की स्थापना कराई गई है. इसके बाद भी घटनाएं हो जा रही हैं. जिला प्रशासन की ओर से हर विवाद के बाद सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन कुछ समय बाद सब कुछ ठंडे बस्ते में चला जाता है.
जिला अस्पताल में रात हुई घटना में भाजपा एमएलसी प्रतिनिधि और उनके साथी लगभग एक घंटे तक अस्पताल में जमे रहे. स्टॉफ का कहना है कि एसआईसी को फोन किया गया, लेकिन उनका फोन ही नहीं उठा. सूचना पर चौकी इंचार्ज अस्पताल चौकी पहुंचे तो जरूर लेकिन विवाद कर रहे नेता ने खुद उन्हें प्रभाव में ले लिया, इसके बाद चौकी इंचार्ज किनारे हो गए. चौकी इंचार्ज ने अपने अधिकारियों को सूचना दिया, लेकिन तत्काल कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा.
एसआईसी को घटना की जानकारी देने के लिए स्टॉफ को उनके आवास पर जाकर दरवाजा खटखटाना पड़ा. उपद्रवी विवाद के बाद आसानी के साथ वहां से चले गए. अगर यही हाल रहेगा तो कभी बड़ी घटना भी हो सकती है.
दो साल पूर्व नाराज परिजनों ने फूंक दी थी इमरजेंसी
लगभग दो साल पूर्व नगर थानाक्षेत्र के कुसमौर गांव के एक व्यक्ति की इमरजेंसी में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. हार्ट अटैक के बाद उसे भर्ती कराया गया था. नाराज परिजनों ने ऑन कॉल फिजीशियन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर उत्पात मचाया था. इस मामले की जांच तत्काली एडी हेल्थ डॉ. सीके शाही ने की थी. अस्पताल प्रशासन की ओर से आरोपियों पर केस दर्ज कराया गया था. जिला महिला अस्पताल में हुई घटना में सिद्धार्थनगर जिले के परिजनों ने तत्कालीन सीएमएस डॉ. गणेश यादव के आवास पर चढ़कर उनके साथ मारपीट की थी. लगभग तीन साल पहले हुई इस घटना में अस्पताल स्टॉफ दहशत में आ गया था. गम्भीर हालत में लाई गई एक प्रसूता की मौत अस्पताल में हो गई थी. परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया था. इस मामले की आवास शासन तक पहुंची थी, लेकिन समय के साथ सब ठंडे बस्ते में चला गया.