स्वास्थ्य विभाग सोसाइटियों में क्लोरीन डोजर की जांच करेगा
विभाग क्लोरीन डोजर सिस्टम की जांच करेगा
गाजियाबाद: जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन प्लान तैयार किया है. राजनगर एक्सटेंशन, ट्रांस हिंडन क्षेत्र और शहर की सभी सोसाइटी रडार पर हैं. इनमें विभाग क्लोरीन डोजर सिस्टम की जांच करेगा. अगर खामी पाई गई तो एओए और बिल्डर पर विधिक कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी. इसके लिए चार टीमों का गठन किया गया है.
राजनगर एक्सटेंशन और ट्रांस हिंडन क्षेत्र की हाउसिंग सोसाइटियों में पीने के पानी सप्लाई को बड़ी-बड़ी टंकियां बनाई गई हैं. टंकियों में पानी कई दिनों तक स्टोर रहता है. पानी की शुद्धता बनाए रखने के लिए पानी में क्लोरीन मिलाना जरूरी होता है. इंदिरापुरम की साया गोल्ड सोसाइटी की जांच में क्लोरीन नहीं पाया गया. पानी की टंकियों में न केवल गंदगी के साथ गाद मिली थी. पानी में ई कोलाई बैक्टीरिया के अलावा हानिकारक तत्व भी पाए गए थे. दूषित पानी की आपूर्ति से एक हजार से ज्यादा लोग बीमार हुए है. इस घटना को देखते हुए जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने योजना तैयार की है.
इन बिंदुओं पर जांच होगी जिला सज्ञविलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि विभाग की ओर से ट्रांस हिंडन क्षेत्र के लिए एक, नगर निगम के शहरी क्षेत्र में दो और राजनगर एक्सटेंशन की सोसाइटियों की जांच के लिए एक टीम गठित की है. सभी टीमों में एक चिकित्सक और एक लैब टेक्नीशियन रहेंगे. यह टीमें टैंकर की साफ-सफाई, वाटर मैनेजमेंट सिस्टम, सीवरेज सिस्टम के रखरखाव की बारीकी से जांच करेगी. पानी के टैंकर में क्लोरीन डोजर की जांच करेगी. इसके साथ ही टैंकर की सफाई के बाद गाद की स्थिति का भी पता लगाया जाएगा. डोजियर में खराब होने या क्लोरीन खत्म होने पर पानी में हानिकारक तत्व पनपने लगते हैं.
डीएसओ ने बताया कि अगर टीमों को सोसाइटियों में खामी मिलती हैं या पानी में हानिकारक तत्व पाए जाते हैं तो जिला प्रशासन को सोसाइटी के एओए अध्यक्ष, सचिव और बिल्डर के खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी. इससे पूर्व में हुई साया सोसाइटी जैसी घटना को रोकने में मदद मिल सकेगी.