हरीपर्वत पुलिस ने सॉल्वर गैंग के तीन शातिरों को सलाखों के पीछे भेजा

आरोपियों ने सॉल्वर बनकर परीक्षाओं में बैठने वाले सिपाहियों के नाम बताए

Update: 2024-04-11 10:55 GMT

आगरा: प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर मुहैया कराने वाले एक गैंग के तीन सदस्यों को हरीपर्वत पुलिस ने जेल भेजा है. खास बात यह है कि यूपी पुलिस के सिपाही भी गैंग के संपर्क में हैं. रुपयों के लालच में सॉल्वर बनकर परीक्षाएं देते हैं. आरोपियों ने सॉल्वर बनकर परीक्षाओं में बैठने वाले सिपाहियों के नाम बताए हैं.

डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि साइबर सेल और हरीपर्वत पुलिस ने चेकिंग के दौरान तीन आरोपियों को पकड़ा. आरोपियों ने पूछताछ में अपने नाम मनीष कुमार (कुआंखेड़ा, ताजगंज), ओमपाल सिंह (सारंगपुर, फतेहाबाद) व अरुण यादव (नगला बरी, पचोखरा) बताए हैं. आरोपियों के पास से पांच मोबाइल, एक बाइक, छह फर्जी आधार कार्ड, एक डायरी, प्रवेश पत्र बरामद हुआ.

परीक्षा देने के लिए छुट्टी लेकर आते थे: पुलिस के अनुसार, मनीष कुमार के तीन भाई पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल में है. वह अभ्यर्थियों के लिए सॉल्वर मुहैया कराने का काम करता है. ओमपाल सिंह कोचिंग चलता है. वह भर्ती कराने का झांसा देकर युवकों को अपने जाल में फंसाया करता था. अरुण यादव का जनसेवा केंद्र है. वह कंप्यूटर का जानकार है. फर्जी प्रपत्र तैयार किया करता था. पूछताछ में पुलिस को पता चला कि कई सिपाही आरोपित मनीष कुमार के संपर्क में है. वह एक परीक्षा में उन्हें एक से डेढ़ लाख रुपये तक देकर सॉल्वर बनाकर बैठाता है. सिपाही परीक्षा देने छुट्टी लेकर आते थे. आरोपियों द्वारा सिपाहियों के नाम भी बताए हैं. यह भी बताया है कि उन्होंने कौन-कौन सी परीक्षाएं सॉल्वर बनकर दी थीं. पुलिस साक्ष्य संकलन कर रही है. कन्नौज में तैनात एक सिपाही के खिलाफ पुलिस को कुछ साक्ष्य भी मिले हैं. उसके खिलाफ जल्द कार्रवाई भी हो सकती है.

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