क्राइम न्यूज़ अपडेट: कानपुुर नगर के बर्रा निवासी दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया। पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित ने बताया कि मुख्य आरोपी संतराम व उसका पिता शंकरी निषाद कुछ कबूलने को तैयार नहीं था। स्वाट टीम प्रभारी व सुमेरपुर पुलिस ने मिलकर कमजोर कड़ी रामस्वरूप से कड़ाई से पूछताछ की तब हत्या करने की बात स्वीकार की है। बताया कि मुख्य आरोपी की मृतक मयंक से दो वर्षों से जान पहचान थी। जो एक एनजीओ के माध्यम से लोगों को सिलाई मशीन, आवास व नौकरी दिलाने के बहाने ठगी करते थे। जिसमें इन लोगों ने कानपुर, फतेहपुर, हमीरपुर आदि जनपदों के करीब 250 लोगों को अपना शिकार बनाया था। जिसमें 20 से 25 लाख तक का मामला संज्ञान में आया है। कहा रुपये के मामले में संतराम पर भारी दबाव था। जिसके चलते आरोपी ने मृतकों को गांव बुलाकर दोनों की हत्या कर दी, और शवों को बोरे में भरकर गांव से करीब आठ किमी दूर प्राचीन दनकुंइया के कुंआ में फेंक दिया। बताया कि प्रिया शर्मा की तहरीर पर दोहरे हत्याकांड में संतराम उसके पिता शंकरी व मामा रामस्वरूप के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
होला खिलाने के बहाने ले गए थे खेत: एसपी ने बताया हत्यापियों ने मृतक युवकों को बुलाया। इसके बाद चने का होला खिलाने के बहाने 12 मार्च को गांव से छह किमी दूर खेतों में ले गए। जहां उन्होंने पहले होला भूना और पानी लेने के बहाने विपुल को नलकूप पानी लेने भेज दिया। उसके जाते ही लाही के खेत में मयंक की गला घोंट कर हत्या कर दी। उधर जैसे ही पानी लेकर विपुल आया तो मामा को न देख भागकर खेतों में कटाई कर रहे मजदूरों के पास पहुंच जान बचा लेने की गुहार लगाई। इस बीच आरोपी वहां पहुंचे और उससे बोले कि मयंक शौच को गया है। और उसी खेत में ले जाकर विपुल की हत्या कर दी। वहीं लाही के खेत में दोनों शवों को छिपा दिया। बाद में रात के अंधेरे में दोनों शवों को भूसे की झालों में भरकर कुए में फेंक दिया।
पुलिस की कार्यशैली पर परिजनों ने उठाए सवाल: मृतक के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि अगर पुलिस समय रहते सक्रियता दिखाती तो घटना का खुलासा उसी दिन हो जाता। मृतक की बहन प्रिया शर्मा ने कहा कि चार दिनों बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। कहा सुमेरपुर एसओ ने उसे दुत्कार कर भगा दिया। उल्टा उसके खिलाफ कार्रवाई की धमकी देते रहे। बताया कि 15 मार्च को भाजपा जिलाध्यक्ष बृजकिशोर गुप्ता ने एसपी को मामले पर संज्ञान लेने को कहा, तब कहीं जाकर एसपी के कहने पर गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया।