इलाहाबाद न्यूज़: देशभर में एच3एन2 इंफ्लुएंजा के बढ़ते मामलों से स्वास्थ्य अधिकारी चिंतित हैं. इंफ्लुएंजा वायरस के प्रसार पर नज़र रखने वाले वैज्ञानिकों ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जांच में वृद्धि की आवश्यकता है, क्योंकि बड़ी संख्या में मरीज आईसीयू में भर्ती हो रहे हैं.कोरोना जांच बढ़ाने की सिफारिश
एनसीडीसी के वैज्ञानिकों ने फ्लू के मामलों की संख्या बढ़ने पर कोविड जांच की संख्या में वृद्धि की सिफारिश की है. एक अधिकारी ने मिंट को बताया कि सरकार को निगरानी और परीक्षण बढ़ाने के लिए तुरंत एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम को निर्देश देना चाहिए. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार एच3एन2 भारत में सांस की बीमारी का प्रमुख कारण है इसलिए 30 वायरल रिसर्च और डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं में श्वसन निगरानी शुरू की है.
हर साल इसी समय फैलता है ये वायरस
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल मेडिसिन एजुकेशन के अध्यक्ष रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एच1एन1 वायरस का म्यूटेशन एच3एन2 वायरस हर साल इस वक्त के आसपास फैलता है. इनके म्यूटेशन के कारण मामलों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि हर साल इस वक्त जब मौसम बदलता है, इंफ्लुएंजा होने की अधिक संभावना होती है. साथ ही लोग यह मान चुके हैं कि कोरोना खत्म हो गया है इसलिए वे मास्क नहीं पहन रहे हैं. बाजारों में काफी भीड़ हो रही है, इससे वायरस ज्यादा फैल रहा है.
से तीन सप्ताह तक एच3एन2 इंफ्लुएंजा के लक्षण संक्रमित व्यक्ति में नजर आ सकते हैं
विषाणु के आकार और पैटर्न में बदलाव हुआ
दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विकास मौर्य के अनुसार एडेनोवायरस, पैरा इंफ्लुएंजा और कोविड -19 तीनों से संक्रमित मरीज अस्पताल आ रहे हैं. इंफ्लुएंजा वायरस से पीड़ित मामले ज्यादा हैं. इस बार वायरस ने अपने आकार व पैटर्न को बदल लिया है.
हर तीसरा आदमी खांसी और बुखार से परेशान
इंफ्लुएंजा के लक्षण दो से तीन सप्ताह तक रह सकते हैं. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र(एनसीडीसी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अभी हर तीसरा व्यक्ति लंबी खांसी, बुखार, सांस फूलने और कमजोरी से पीड़ित है. कोरोना संक्रमितों में भी एच3एन2 होता है. दिल्ली में तीन मरीज मिले जिन्हें इंफ्लुएंजा का शक था, लेकिन वे कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए.