झाँसी न्यूज़: तहसील मड़ावरा के आस पास ग्रामीण इलाके जंगलों से घिरे हैं. हजारों हेक्टेयर क्षेत्रफल में जंगल फैला हुआ है. जिसमें बेशकीमती इमारती लकड़ियों के वृक्षों संग फलदार पेड़ लगे हैं. इसके अलावा यहां जड़ी बूटियों का भी भंडार है. मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से जुडेर इस जंगल में खतरनाक व अन्य जानवर विचरण करते हैं. कई बार शेर, तेंदुआ, बाघ दस्तक दे चुके हैं. सुअर, भालू, हिरण, नील गाय आदि जंगली जानवर आम तौर पर दिखाई देते हैं. इस अनमोल संपदा को उजाड़ने के लिए माफिया तेजी से सक्रिय हैं. जो अवैध कटान के साथ खनन को भी अंजाम दे रहे हैं. धौर्रीसागर, संकरा आदि गांवों के पास वन भूमि पर लगे खैर, सागौन, शीशम, महुआ आदि प्रजाति के हरे पेड़ों का बड़े पैमाने पर कटान होता रहता है. माफिया के गुर्गे हरेभरे पेड़ों को काटकर उनको सूखने के लिए जंगल में ही छोड़ देते हैं. इसके बाद लकड़ी को ट्रैक्टर ट्राली से बाजार में विक्रय कर दिया जाता है. जंगलों के भीतर कई स्थानों पर लकड़ी सुखायी जाती है. जंगलों में अवैध कटान के चलते हरियाली गायब होती जा रही.
अवैध कब्जा करने पर रिपोर्ट दर्ज
ग्राम सभा खांदी के मजरा करीला में रोड किनारे हदबन्दी व पत्थरगड्डी वाले खेत पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके उनके विरुद्ध कार्रवाई प्रारम्भ कर दी.
ग्राम सभा खांदी के मजरा करीला तालबेहट बाहर स्थित रोड किनारे बेशकीमती भूमि पर राजस्व व पुलिस टीम ने हदबंदी पुष्ट उपरांत पत्थरगड्डी कर भूस्वामी को जमीन पर कब्जा प्रदान किया था. बावजूद इसके दबंग माफिया इस जमीन पर अवैध कब्जे की फिराक में रहा और तरह-तरह के हथकंडे अपनाता रहा. बीते रोज उसने राजस्व अधिकारियों के आदेश पर लगायी गयी पत्थरगड्डी उखाड़कर जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया. विपक्षी दीपचन्द्र पुत्र किशनलाल, किसन लाल पुत्र दुर्जन, धरमन, श्रीपत, कल्याण पुत्रगण चैनू निवासी खांदी करीला ने चीरे उखाड़कर जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया. जब उसने विरोध किया तो गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी दी गई. उप जिलाधिकारी ने थाना पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए. इस क्रम में कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की.