वस्त्र उद्योग लगाने के लिए भूमि खरीदने पर सरकार उद्यमियों को 25 प्रतिशत छूट देगी : उद्योग मंत्री
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को कहा कि नई हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग नीति-2022 के तहत वस्त्र परिधान उद्योग के लिए भूमि खरीदने पर सरकार उद्यमियों को पूरे प्रदेश में (गौतम बुद्ध नगर जिले को छोड़कर) 25 प्रतिशत की छूट देगी और उन्हें उसका स्टांप शुल्क भी नहीं देना होगा। यहां सोमवार को लोकभवन में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री सचान ने कहा कि पिछले मंत्रिमंडल ने नई वस्त्र उद्योग नीति को मंजूरी दी थी और आज उसको लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिया।
वस्त्र परिधान उद्योग तेजी बढ़ रहा है आगे
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वैश्वक कपड़ा केंद्र बनाकर 10 हजार करोड़ निजी निवेश को आकर्षित करना और पांच लाख बेरोजगारों के लिए रोजगार सृजन इस नई नीति का मुख्य लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि वस्त्र परिधान उद्योग तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है और उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा घरेलू बाजार है। राज्य के संसाधनों की चर्चा करते हुए सचान ने कहा कि प्रदेश में प्रशिक्षित श्रमिक हैं, बुनकर हैं और वस्त्र उद्योग विकास संसाधनों की उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इस नीति में अनेक प्रावधान किये गये हैं और इसके तहत युवाओं को इस कारोबार में प्रोत्साहित किया जाना है। बुनकरों के बच्चों को स्वरोजगार इस नीति की प्राथमिकता है।
गौतमबुद्ध नगर में 15 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान
मंत्री ने नई नीति की विशेषता बताते हुए कहा कि, अगर कोई उद्यमी वस्त्र उद्योग लगाने के लिए किसी सरकारी संस्था से कोई भूमि खरीदता है तो उसे 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल गौतमबुद्ध नगर में 15 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस नीति के तहत प्रदेश में स्टांप शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी और गौतमबुद्धनगर में 75 प्रतिशत की छूट देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्लांट मशीनरी खरीदने में 25 प्रतिशत छूट देने की नीति बनाई गयी है और इसके साथ बुंदेलखंड और पूर्वांचल में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त छूट देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इकाइयों की स्थापना लागत में तीन करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।