हर घर शौचालय का नारा देने वाली योगी सरकार के राज में सरकारी स्कूल बदहाल

Update: 2023-02-23 12:40 GMT

मेरठ: स्कूलों में छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए सरकार तमाम तरह की योजनाएं चला रही है। स्कूलों की बिल्डिंगो की मेंटेनेंस से लेकर पीने का पानी, शौचालय की व्यवस्था व फर्नीचर समेत हर सुविधा बच्चों को मिलने के दावें भी किये जाते है।

लेकिन उच्च प्राथमिक विद्यालय खड़ौली के हालात कुछ और ही बयां कर रहें है। यहां ऐसी कोई सुविधा छात्रों के लिए उपलब्ध नहीं है जिसका फायदा स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को मिल सके। ऐसे में इस विद्यालय में शिक्षा का स्तर कैसा होगा, यहां कितने बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते होगें यह बड़ा सवाल है।

बुधवार को उच्च प्राथमिक विद्यालय खड़ौली का दौरा करने पर जो सच्चाई सामनें आई वह सरकरी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। विद्यालय में कुल 331 छात्रों का रजिस्ट्रेशन है इनमें 171 बालक व 160 बालिकाएं है। तीन परमानेंट अध्यापक है जबकि छह शिक्षामित्र और एक चतुर्थश्रेणी कर्मचारी है। इतनी बड़ी संख्या में छात्र व स्टाफ होने के बाद भी विद्यालय की हालत बेहद खराब है।

शौचालय नहीं है

विद्यालय में 331 छात्रों के साथ दस लोगो का स्टाफ है लेकिन इनके लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है। एक पुराना शौचालय है जिसमें गंदगी का अंबार लगा है। बदबू की वजह से इसके पास खड़ा होना भी दूभर होता है। सालों से इसकी सफाई नहीं हुई है।

जबकि एक शौचालय डूडा का बना है जिसका बाहरी कर्मचारी व लोग ज्यादा इस्तेमाल करते है। इसमें भी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं व महिला स्टाफ को शौचालय नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।

फर्नीचर का अभाव

विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांच तक प्राथमिक जबकि कक्षा छह से लेकर आठ तक उच्च प्राथमिक कक्षाएं चलती है। लेकिन आज भी प्राथमिक कक्षाओं में बच्चे जमीन पर बैठकर शिक्षा ले रहें है। भीषण सर्दी के मौसम में भी इन बच्चों को जमीन पर ही बैठकर पढ़ाई करनी होती थी। इससे कई बार बच्चे बीमार भी होते रहे है। जबकि कक्षा छह से आठ तक के सैक्शन में जरूर फर्नीचर नजर आया। वह भी किसी राजकीय विद्यालय से दान में मिला बताया जा रहा है।

शाम ढलते ही बन जाता है नशेड़ियों का अड्डा

विद्यालय परिसर की चाहर दिवारी नहीं होने से शाम ढलते ही यहां अराजकतत्व अड्डा जमा लेते है। विद्यालय के स्टाफ ने बताया रोज सुबह विद्यालय में गंदगी का अंबार लगा मिलता है। शराब की खाली बोतले व ग्लास कक्षाओं के सामने पड़े मिलते है। कोई सफाई कर्मचारी नहीं है जिस वजह से यहां की सफाई कराने के लिए बाहर से किसी को बुलाया जाता है।

विभागीय निरीक्षण में खानापूर्ति

बुधवार को खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर तृतीय नरेन्द्र कुमार विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे। लेकिन उन्होंने भी महज खानापूर्ती की। न बच्चों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली न ही स्टाफ से पूछा। यहां तक की विद्यालय में बने शौचालय तक को खोलकर नहीं देखा। केवल रजिस्टरों में दर्ज ब्यौरे को पोर्टल पर दर्ज कर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चले गए।

विद्यालय में चाहर दिवारी नहीं होने से यहां अराजकतत्वों का जमावड़ा रहता है। कई बार विभाग के अधिकारियों से फर्नीचर व शौचालय की मांग की गई है लेकिन कोेई सुनवाई नहीं होती। पिछले पांच सालों से यहीं सिलसिला चला आ रहा है। -देवेन्द्र पाल सिंह, हैडमास्टर उच्च प्राथमिक विद्यालय खड़ौली।

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