यूजीसी से गोरखपुर विवि को मिला श्रेणी-1 का दर्जा

देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल हुआ डीडीयू

Update: 2024-05-13 05:08 GMT

झाँसी: अपनी स्थापना के 74वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. डीडीयू अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की श्रेणी-1 संस्थानों की सूची में शामिल हो गया है. यूजीसी ने उसे यह दर्जा दिया है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय देश के उन प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिन्हें यह सम्माननीय दर्जा प्राप्त है.

यह दर्जा यूजीसी विनियम-2018 के अनुसार शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों में स्वायत्तता को बढ़ावा देने के यूजीसी के प्रयासों का हिस्सा है. कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यूजीसी द्वारा भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों को दी जाने वाली यह एक प्रतिष्ठित मान्यता है. कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन ने विश्वविद्यालय की इस ऐतिहासिक उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आभार ज्ञापित किया. डीडीयू प्रशासन के मुताबिक यूजीसी ने 16 को आयोजित अपनी 579वीं बैठक के दौरान श्रेणी-1 दर्जे के लिए डीडीयू के अनुरोध को मंजूरी दी है.

श्रेणी-1 में शामिल होने से मिलेगा यह लाभ

● विश्वविद्यालय को अधिक प्रशासनिक स्वायत्तता मिलेगी. ● राजकोषीय मामलों पर बेहतर नियंत्रण हो सकेगा. ● अनुसंधान और नवाचार केंद्र मजबूत होंगे. अनुसंधान के अधिक अवसर मिलेंगे. ● राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा में सुधार, दुनिया भर से शोधकर्ता और छात्र आकर्षित होंगे. ● छात्र-केंद्रित रणनीतियों को अपनाया जा सकेगा.

यह मान्यता शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. श्रेणी-1 का दर्जा हमें उच्च शिक्षा में वैश्विक उत्कृष्टता के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में लिए गए कदमों को और सशक्त बनाएगा.

- प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, डीडीयू

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