Gorakhpur: एमएमजी अस्पताल में बेहोश युवती को व्हीलचेयर नहीं मिली

सीएमएस का कहना है कि मामले में स्टाफ से स्पष्टीकरण लिया जाएगा

Update: 2024-07-24 05:11 GMT

गोरखपुर: सिकंदराबाद से परिवार के साथ इलाज के लिए एमएमजी अस्पताल आई युवती ओपीडी में चक्कर खाकर गिर गई, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उसके परिजनों को व्हीलचेयर तक उपलब्ध नहीं कराई. ऐसे में परिजन युवती को पीठ पर लादकर इमरजेंसी ले गए, जहां उपचार के बाद उसे घर भेज दिया. सीएमएस का कहना है कि मामले में स्टाफ से स्पष्टीकरण लिया जाएगा.

सिकंदराबाद निवासी निजामुद्दीन ने बताया कि उनकी 19 वर्षीय बेटी सानिया को सांस लेने में तकलीफ हैं. सुबह बेटी के उपचार के लिए उनकी पत्नी शाविस्ता और चाचा इदरीस एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे. पर्चा बनवाने के बाद वह सानिया को कमरा नंबर-28 के सामने लेकर खड़े हो गए. भीड़ ज्यादा होने से सानिया को बैठने के लिए बेंच भी नहीं मिली. काफी देर तक खड़े रहने की वजह से चक्कर आ गए और वह कमरा नंबर-28 के सामने ही गिर पड़ी. युवती के फर्श पर बेसुध होने से ओपीडी में हड़कंपा मच गया. आनन-फानन में युवती के चाचा इदरीस उसे पीठ पर लादकर इमरजेंसी में ले गए. जहां डॉक्टरों ने एक्स-रे, खून की जांच कराई और उपचार करके वापस भेज दिया.

व्हीलचेयर उपलब्ध नहीं कराई : अस्पताल की सभी ओपीडी में प्रबंधन की ओर से व्हीलचेयर रखवाई गई है. लेकिन इसके बाद भी कमरा नंबर-28 से मरीज के परिजनों को व्हीलचेयर नहीं दी गई. इस कारण परिजनों को अपने मरीज को पीठ पर लादकर इमरजेंसी तक ले जाना पड़ा.

उनके संज्ञान में मामला नहीं हैं. वह मामले की जांच कराकर संबंधित कमरा नंबर के चिकित्सक और स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगेंगे. - डा. राकेश कुमार, सीएमएस, एमएमजी अस्पताल

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