Gorakhpur: मुंबई की तीन कंपनियां गीडा में निवेश करेगी

गीडा में यूनिट स्थापना से इनकी नजर पूर्वोत्तर राज्यों के मार्केट पर

Update: 2024-08-24 06:54 GMT

गोरखपुर: गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) आने वाले दिनों में गारमेंट का हब बन सकता है. फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण के साथ ही मुंबई की तीन बड़ी एक्सपोर्ट करने वाली रेडीमेड गारमेंट की फैक्ट्रियां गीडा में स्थापित हो सकती हैं. तीनों कंपनियां प्रदेश के उद्योग विभाग के जिम्मेदारों के संपर्क में है. तीनों बड़े उद्यमी गोरखपुर में 1500 करोड़ से अधिक का निवेश कर सकते हैं. तीनों कंपनियां विदेशों को रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट करती हैं. गीडा में यूनिट स्थापना से इनकी नजर पूर्वोत्तर राज्यों के मार्केट पर है.

मुंबई की गारमेंट फैक्ट्री शाही एक्सपोर्ट की नोएडा में भी 11 यूनिटें हैं. उनके प्रतिनिधि जल्द गीडा में जमीन देखने आने वाले हैं. शाही गारमेंट का 1000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है. इनके द्वारा कंपोजिट यूनिट खोलने का प्रस्ताव है. जहां धागे से लेकर कपड़ा और कपड़े से लेकर रेडीमेड गारमेंट तैयार होंगे. वहीं मुंबई आधार वाली पर्ल ग्लोबल, रिचा गारमेंट की यूनिटें भी गीडा में स्थापित हो सकती हैं. तीनों कंपनियों के प्रतिनिधि गोरखपुर में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों के संपर्क में हैं.

चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान गारमेंट की उम्मीदों को लेकर चर्चा की. उन्हें बताया कि मुंबई की तीन बड़ी यूनिटें गोरखपुर में 1500 करोड़ से अधिक का निवेश करने को इच्छुक हैं. पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि तीनों यूनिटों के प्रतिनिधि लखनऊ में उद्योग विभाग के अधिकारियों के संपर्क में है. जल्द ही इनके प्रतिनिधि गीडा में जमीन और पूर्वांचल का बाजार देखने आएंगे. शाही एक्सपोर्ट को 25 एकड़ तो पर्ल ग्लोबल व रिचा गारमेंट को भी बड़ी जमीन की जरूरत है.

बांग्लादेश में अशांति से रेडीमेड गारमेंट को उम्मीदें: दुनिया में रेडीमेड गारमेंट में बांग्लादेश अग्रणी है. पूर्वांचल समेत गोरखपुर में बड़ी मात्रा में बांग्लादेश से कपड़ा आयात होता है. बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से हो रहे उपद्रव और राजनीतिक उथल पुथल के बाद वहां का रेडीमेड गारमेंट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित है.

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