Gorakhpur: गोल्ड हॉस्पिटल प्रकरण में लखनऊ के डॉक्टर की तलाश

Update: 2024-08-10 05:08 GMT

गोरखपुर: मेडिकल कॉलेज के सामने बिना पंजीकरण चलते मिले गोल्ड हॉस्पिटल प्रकरण की जांच तेज हो गई. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्पिटल को सील कर संचालक त्रिभुवन निषाद पर 24 को जालसाजी का केस दर्ज कराया था.

अब इस मामले में लखनऊ का डॉक्टर, जिसके नाम पर हॉस्पिटल पंजीकृत था, वह भी कार्रवाई की जद में है. पुलिस विवेचना में डॉक्टर का नाम और इस केस में इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट की धारा भी बढ़ सकती है. इसकी तैयारी चल रही है. एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विवेचना चल रही है. जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

को प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस टीम ने देर रात गोल्ड हॉस्पिटल पर छापा मारा था. वहां महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, देवरिया समेत जिले के कुल नौ मरीज भर्ती मिले थे. जिनका बिना डॉक्टर के इलाज चल रहा था. हॉस्पिटल आयुष्मान योजना से जुड़े मरीज भी भर्ती थे. जबकि हॉस्पिटल आयुष्मान भारत योजना के अधीन संबद्ध नहीं था.

टीम ने जब हॉस्पिटल का कागजात चेक किया तो पता चला कि लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया गया था. यह अस्पताल 23 अप्रैल तक पंजीकृत था. इसका पंजीकरण लखनऊ के डॉक्टर की डिग्री पर कराया गया था. टीम ने जब डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि वह लखनऊ में प्रैक्टिस करते हैं. बहुत कम उनका गोरखपुर आना होता है.

बच्चों से भरी मैजिक पलटी, पांच घायल

सहजनवा के भीटीरावत स्थित एचवीएम विद्यालय के बच्चों को लेकर जा रही मैजिक गीडा के कोड़री कला के पास अनियंत्रित होकर पलट गई. गाड़ी में 15 बच्चें बैठे थे. जिसमें पांच घायल हो गए. बच्चों की चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बच्चों को बाहर निकाला. एचवीएम विद्यालय में आठ तक की पढ़ाई होती है. दोपहर के समय स्कूल की छुट्टी होने के बाद कोड़री कला और टड़वा माफी के रहने वाले 15 बच्चों को लेकर मैजिक निकली थी.

2 बजे के करीब कोड़री कला मंदिर के पास गाड़ी पहुंची ही थी कि सामने एक पशु आ गया. उसे बचाने के चक्कर में चालक ने अचानक ब्रेक ले लिया और गाड़ी बंधे से पलट गई. ग्रामीणों ने जब बच्चों को निकाला तो पांच को हल्की चोटें आई थी. सूचना पर पहुंचे अभिभावक बच्चों का उपचार कराकर घर चले गए.

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