Gorakhpur: किसी भी केंद्र पर अब तक रेडियोलॉजी की सूचना सार्वजनिक नहीं की गई
केंद्रों के बाहर नहीं लगे रेडियोलॉजिस्ट के फोटो और नाम
गोरखपुर: निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी का काम ठंडे बस्ते में पड़ा है. जिले के किसी भी केंद्र पर अब तक रेडियोलॉजी की सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है. इस वजह से मरीज को यह पता नहीं लग पा रहा है कि रेडियोलॉजिस्ट ही जांच कर रहा है या कोई स्टाफ.
यह हालत तो तब है कि जब पीसीएनडीटी के नोडल अधिकारी द्वारा केंद्र संचालकों को सीएमओ सभागार में निर्देशित किया जा चुका है. पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर पंजीकृत चिकित्सक ही जांच कर सकता है. इसके बाद भी डॉक्टर के छुट्टी पर जाने के बाद तकनीशियन जांच करते हैं.
अगर पंजीकृत रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक छुट्टी पर होता है तो केंद्र संचालक किसी दूसरे स्टाफ से जांच का काम करा लेते हैं . स्वास्थ्य विभाग ने इस पर अंकुश लगाने के लिए योजना बनाई. जिसके तहत अल्ट्रासाउंड केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और उनका फोकस अल्ट्रासाउंड रूम के गेट पर करने के निर्देश दिए. जांच रूम के बाहर पंजीकृत डॉक्टर का नाम, फोटो और मोबाइल नंबर लिखने को कहा गया .
इसके अलावा निगरानी के लिए निजी केंद्रों के रेडियोलॉजिस्ट के लिए एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाने के दिए गए हैं. लेकिन निजी केंद्र संचालकों ने स्वास्थ्य विभाग के किसी निर्देश पर अमल नहीं किया है. अल्ट्रासाउंड जांच रूम के बाहर किसी रेडियोलॉजिस्ट के फोटो, नाम और मोबाइल नहीं लिखे हैं. इससे पता नहीं लग पा रहा है कि जांच करने वाला डॉक्टर है या कर्मचारी.
निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की निगरानी के लिए पीसीएनडीटी की टीमों को लगाया जाएगा. जिन केंद्रों ने जांच केंद्र के बाहर चिकित्सकों के फोटो और नाम नहीं लिखे हैं और विभाग के व्हाट्सअप ग्रुप से नहीं जुड़े हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा.
- डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ, गाजियाबाद
पड़ताल के दौरान अल्ट्रासाउंड केंद्रों का हाल
विजयनगर स्थित निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र में चिकित्सक का फोटो, नाम और मोबाइल कमरे के बाहर नहीं लगा था. पंजीकरण काउंटर पर बैठी महिला स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर साहब जांच कर रहे हैं. वहीं, जीटी रोड पर एमएमजी अस्पताल के बराबर में बने निजी केंद्र में काउंटर पर महिला स्टाफ मौजूद मिली. जांच रूम के बाद चिकित्सक का नाम लिखा था. लेकिन फोटो और मोबाइल नहीं था. डॉक्टर केंद्र पर नहीं मिले. लोगों ने बताया कि इस तरह के हालात अक्सर देखने को मिलते हैं.