गोरखपुर पुलिस ने जाली स्टांप छापने वाले एक गिरोह का खुलासा किया.
50 हजार के जाली स्टांप से शुरू हुई जांच
गोरखपुर: एसएसपी डॉ. गौरव ने बताया कि गोरखपुर कचहरी में 50 हजार रुपये के जाली स्टांप पकड़े गए थे. जनवरी 2024 को इस मामले में कैंट थाने में केस दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई की निगरानी में एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी ने 19 जनवरी को गोरखपुर के स्टांप वेंडर रविदत्त मिश्र को जाली स्टांप बेचने के मामले में गिरफ्तार किया.
रविदत्त की गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ा सवाल यही था कि जाली स्टांप कहां से आ रहा है और इसकी प्रिंटिंग कहां हो रही. एसआईटी प्रभारी एएसपी अंशिका वर्मा के नेतृत्व में टीम इसकी जांच कर रही थी. जांच के दौरान मिली कड़ियों को जोड़ते हुए एसआईटी को गिरोह तक पहुंचने में कामयाबी मिली.
पकड़े गए आरोपित: मोहम्मद कमरूद्दीन पुत्र मोहम्मद दीन, निवासी नई बस्ती, थाना मोफस्सिल, सिवान, बिहार (सप्लायर) ● साहेबजादे पुत्र जाकिर निवासी, नई बस्ती थाना मोफस्सिल, सिवान, बिहार (सप्लायर) ● रामलखन जायसवाल पुत्र हीरा, निवासी दीवान बाजार निकट समय माता मन्दिर कोतवाली, गोरखपुर (स्टांप वेंडर) ● ऐश मोहम्मद पुत्र हासिम मियां, निवासी वार्ड नंबर श्रीरामजानकी नगर, थाना कसया, कुशीनगर (स्टांप वेंडर) ● रविन्द्र दीक्षित पुत्र भगवती दीक्षित, निवासी सिरसिया, थाना पडरौना, कुशीनगर (स्टांप वेंडर) ● सन्तोष गुप्ता पुत्र मुक्तिनाथ गुप्ता, निवासी वार्ड नंबर 22, थाना भाटपार रानी, देवरिया (स्टांप वेंडर) ● नन्दू उर्फ नन्दलाल पुत्र स्व. सुखल प्रसाद, निवासी जंगल बकुलहा, थाना पडरौना, कुशीनगर (स्टांप वेंडर)