Gorakhpur: बीटेक में प्रवेश का फर्जीवाड़ा एमएमएमयूटी फीस की जांच में खुला
एसएसपी के आदेश पर कैंट पुलिस ने आरोपी लिपिक पर मुकदमा दर्ज किया
गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौघोगिकी विश्वविद्यालय में बीटेक कम्प्यूटर साइंस में प्रवेश के नाम पर जालसाजी का मामला सामने आया है। आरोप है कि रजिस्ट्रार दफ्तर में तैनात वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव ने कर्मचारी कोटे से दाखिले का झांसा देकर खाते में 2.70 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद एक साल तक छात्र कॉलेज भी गया और फिर अचानक 23 फरवरी 2023 को दाखिले को फर्जी करार दिया गया। अब छात्र का भविष्य भी अंधकार में चला गया है। एसएसपी के आदेश पर कैंट पुलिस ने आरोपी लिपिक पर मुकदमा दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक, कोतवाली इलाके के दीवानबाजार निवासी श्रीप्रकाश गुप्ता ने केस दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि बेटे राहुल गुप्ता के बीटेक कम्प्यूटर साइंस में दाखिला के लिए वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव से संपर्क किए थे। तब लिपिक ने बताया कि विवि में एक कर्मचारी कोटा है जिसके अंतर्गत पुत्र राहुल का दाखिला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस कोटे के तहत दाखिला सुनिश्चित करने के लिए 2.70 लाख की राशि उनके व्यक्तिगत खाते में जमा करने की आवश्यकता है।
उन्होंने इस पर आपत्ति जताई कि यदि विश्वविद्यालय में ऐसी कोई व्यवस्था है तो राशि विश्वविद्यालय के खाते में ही जमा कर देनी चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि यह एक कर्मचारी कोटा है और इस कोटे में मेरा पूरा डाक्यूमेंटेशन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे ही विश्वविद्यालय में अपना संदर्भ देते हुए यह प्रवेश कराना होगा, इसलिए मुझे राशि उनके निजी खाते में ही डालनी होगी। क्योंकि, रवि मोहन वहीं पर लिपिक थे। इस वजह से उन पर विश्वास हो गया। तीन सितंबर 2021 को रवि मोहन के खाते में 1.70 लाख जमा किए। शेष राशि एक लाख 19 2021 को जमा कर दिया।
रिपोर्ट मिलते ही दोषियों पर होगी कार्रवाई कुलपति: कार्य परिषद में जांच रिपोर्ट रखने के बाद जिन पर भी लापरवाही या संलिप्तता के आरोप लगे, उन्हें नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था। उनके जवाब के परीक्षण के लिए बाहरी उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी। उनमें प्रो. राम अचल सिंह, एमएनएनआईटी के प्रो. राजीव त्रिपाठी व एसके अग्रवाल शामिल थे। सभी का बयान दर्ज कर रिपोर्ट भी सौंप दी गई थी लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी ने कहा कि बीटेक में हुए फर्जी प्रवेश के मामले में जांच पूरी कर ली गई है। सभी आरोपियों का बयान कमेटी ने दर्ज कर लिया है। उसकी रिपोर्ट कंपाइल कराई जा रही है। रिपोर्ट के गुण-दोष के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
40 विद्यार्थियों के फर्जी प्रवेश से जुड़ा है मामला: एमएमएमयूटी के लिपिक पर कैंट थाने में केस दर्ज होने के बाद 40 छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश मामले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। उस मामले में प्रथमदृष्टया तीन शिक्षकों और पांच कर्मचारियों की लापरवाही या संलिप्तता पाई गई थी। उनमें कुलसचिव कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव भी शामिल था। करीब दो साल बाद एक अभिभावक की तरफ से उस मामले में यह पहला केस दर्ज कराया गया है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर के आदेश पर बीटेक में फर्जी प्रवेश पाने वाले छात्र राहुल गुप्ता के पिता श्रीप्रकाश गुप्ता की तहरीर पर एमएमएमयूटी के कुलसचिव कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक रवि मोहन श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी और रुपये हड़पने का केस दर्ज किया गया है। लिपिक पर कोटे से प्रवेश दिलाने के
नाम पर 2.70 लाख रुपये लेने का आरोप है। कैंट थाने में केस दर्ज हुआ तो दो साल बाद वह मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है।