Gorakhpur: खुलासा: दिल्ली के गिरोह ने की थी 2.11 करोड़ रुपये की ठगी

सरगना के न मिलने की वजह से रुपये की वापसी नहीं हो पाई

Update: 2024-06-03 04:55 GMT

गोरखपुर: सहजनवा के एक शख्स से 2.11 करोड़ की जालसाजी करने के आरोपियों तक पुलिस पहुंच गई है, लेकिन सरगना के न मिलने की वजह से रुपये की वापसी नहीं हो पाई है. जिसके खाते में रुपये भेजे गए थे, उस मजदूर और उससे जुड़े दो अन्य लोगों को पुलिस गोरखपुर भी ले आई, लेकिन वे भी सरगना के बारे में कुछ नहीं बता पाए. हालांकि पूछताछ में नंबर समेत कुछ अन्य जानकारी हाथ लग गई हैं, जिसकी मदद से सरगना व अन्य की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी है.

उधर, तीन लोगों की गिरफ्तारी जिस धारा में हुई थी, उसमें सात साल से कम की सजा थी, इस वजह से साइबर थाना पुलिस ने औपचारिकताएं पूरी कर फिलहाल उन्हें जाने दिया है. जांच में पता चला है कि है कि पूरा गिरोह दिल्ली में बैठकर वारदात कर रहा है. वे एक दूसरे को जानते भी नहीं हैं, सभी व्हाट्एप कॉल के जरिए ही काम करते हैं और अपना-अपना हिस्सा पा जाते हैं.

साइबर थाने में दर्ज जालसाजी केस में जांच करते हुए पुलिस दिल्ली के उस खाताधारक तक पहुंची, जिसके खाते में रुपये भेजे गए थे. पता चला कि वह मजदूर है और दो लोगों के कहने पर उसने खाता खुलवाया था. खाते में एक लाख रुपये आने पर हर बार उसे दो हजार मिलता था. उससे पूछताछ में जिन दो लोगों का नाम आया, पुलिस ने उन्हें भी पकड़ा, तो पता चला कि वे तीन प्रतिशत पर काम करते हैं. उनका काम यह है कि अपना कमीशन काटकर खाते में आने वाली रोजाना की रकम दूसरे खाते में भेज दें.

यह है मामला सहजनवा के रहने वाले एक शख्स कोरोना काल में एक बैंक में आठ लाख रुपये महीने की एक योजना में निवेश किया. अचानक एक साल पूर्व फोन आया कि खाते में दो किस्त और भेज दें. इसके बाद पीड़ित उलझता गया और एक साल में 2.11 करोड़ रुपये भेजकर ठगा गया.

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