गोरखनाथ मंदिर हमला: आरोपी मुर्तजा के खिलाफ राष्ट्रदोह का केस दर्ज करने की तैयारी, एनआईए ने की पूछताछ
गोरखपुर: गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर हमले के आरोपी मुर्तजा अब्बासी से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने रविवार को पूछताछ कर ली। माना जा रहा है कि वह जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। मुर्तजा अब्बासी की पुलिस कस्टडी रिमांड सोमवार को समाप्त हो रही है, लिहाजा आतंकरोधी दस्ता (एटीएस) की टीम उसे कोर्ट में पेश कर अब तक बरामद सबूतों का हवाला देकर रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है।
हालांकि, कोर्ट में पेश करने के बाद ही पता चलेगा कि एटीएस रिमांड की मांग करती है या फिर मुर्तजा को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाता है। इस बीच मुर्तजा के परिवार ने एटीएस को बताया कि रैंगिंग के कारण उसने आईआईटी का हॉस्टल छोड़ दिया था। वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गया था। इस कारण उसे परिवार के साथ मुंबई में रखकर आईआईटी में पढ़ाया गया।
सूत्रों के मुताबिक मुर्तजा के इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े लोगों के साथ रिश्तों पर और जेहाद को बढ़ावा देने वाला एप बनाने की उसकी योजना पर भी सवाल हुए। सूत्रों के अनुसार, वह इस एप को आईएसआईएस के लिए उपयोग में लाने जैसा बनाना चाहता था। एटीएस ने मुर्तजा के नौगढ़ (सिद्धार्थनगर) जाने के बारे में पूरी जानकारी जुटा ली है। इन यात्राओं से उसकी योजना के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस कस्टडी रिमांड बढ़ाने की अर्जी के साथ एटीएस मुर्तजा से संबंधित मुकदमे में धाराएं बढ़ाए जाने की सूचना भी कोर्ट को दे सकती है। ऐसी संभावना है कि मुर्तजा पर देशद्रोह की धारा बढ़ाई जा सकती है। मुर्तजा ने तीन अप्रैल की देर शाम गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर बांकी से हमला किया था। उसके ऊपर गोरखनाथ थाना में कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था और चार अप्रैल को गोरखनाथ पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड में लिया था।
11 अप्रैल तक पुलिस को मुर्तजा की रिमांड मिली थी। पांच अप्रैल को केस की विवेचना एटीएस को ट्रांसफर हो गई। पांच अप्रैल की रात में ही एटीएस उसे लेकर लखनऊ हेड ऑफिस चली गई। वहीं पर मुर्तजा अब्बासी और उससे जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में सामने आए तथ्य के बारे में एटीएस की तरफ से कोर्ट को बताया जा सकता है। यही नहीं, अन्य तथ्यों की जरूरत होने पर एटीएस कस्टडी रिमांड बढ़ाने की भी मांग कर सकती है। हालांकि यह कोर्ट पर निर्भर करेगा कि उनके आवेदन पर क्या निर्णय लेती है। यह भी संभव है कि अब तक की पूछताछ में एटीएस ने सारे तथ्य जुटा लिए हों और रिमांड की मांग ही न करे।