गोंडा : अपहरण व दुष्कर्म मामले में जिला अदालत ने पिता-पुत्र को दी सजा, इतने साल बाद मिला नाबालिग को न्याय
अपहरण व दुष्कर्म मामले में जिला अदालत ने पिता-पुत्र को दी सजा
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक दुष्कर्म पीड़िता को आठ साल बाद न्याय मिला है। दुष्कर्म पीड़िता के आरोपियों को गोंडा जिले की अदालत ने नाबालिग लड़की का अपहराण करने और दुष्कर्म के मुख्य आरोपियों को 20 साल का सश्रम कारावास और 16 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अदालत ने इस मामले में अमेरिका नामक युवक को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपी के पिता को भी इस घटना में अमेरिका का सहयोग करने के लिए सजा सुनाई है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले के मुख्य आरोपी द्वारा नाबालिग लड़की का अपहरण करने में उसके पिता तुलसीराम ने भी साथ दिया है।
नाबालिग को अगवा कर किया दुष्कर्म
अदालत ने आरोपी के पिता तुलसीराम को तीन वर्ष कारावास और 4 हजार रुपये जुर्माने देने का फैसला सुनाया है। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के अनुसार, 30 मई 2014 में रात के समय धानेपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की
नाबालिग लड़की शौच के लिए घर से बाहक गई थी। लेकिन इसके बाद वह लौटकर घर नहीं आई। जिसके बाद पीड़िता के पिता और भाई ने थाने में अमेरिका, उसके भाई और माता-पिता समेत चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
पिता-पुत्र को बताया मुख्य आरोपी
आकाश तोमर ने बताया कि विवेचना के बाद मुख्य आरोपी अमेरिका की मां और भाई का नाम प्राथमिकी से हटा दिया गया था। वहीं आरोपी और उसके पिता तुलसीराम के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया था। आकाश तोमर ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) चंद्र मोहन चतुर्वेदी ने आरोपी के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों और उसके बचाव पक्ष को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी और उसके पिता के खिलाफ फैसला सुनाया है।
आरोपियों को मिली सजा
अदालत ने साथ में यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि आरोपी जुर्माने की रकम अदा नहीं करता है तो उसे 1 साल अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी। मामले में आरोपी के सहयोगी रहे उसके पिता को भी 3 साल की कैद और चार हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया गया है। अगर उसके पिता तुलसी राम भी अपने जुर्माने की रकम को अदा नहीं करते हैं तो उन्हें भी चार महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी।