कानपूर न्यूज़: सूचना के अधिकार के तहत 30 दिन में सूचना देना जरूरी है. जानकारी न देने वाले नोडल अधिकारी या विभाग पर आर्थिक दंड लगेगा. यह जानकारी सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप ऑडिटोरियम में आयोजित केस्को की सूचना अधिकार पर कार्यशाला में दी गई.
केस्को अफसरों-कर्मचारियों के लिए आयोजित कार्यशाला में आरटीआई एक्ट 2005 व उप्र जनसूचना अधिकार नियमावली 2015 के बारे में जानकारी देते हुए कर्मचारियों से सूचना समय से देने पर जोर दिया गया. रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूटर सेक्टर स्कीम (पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना) के जुड़े विकास कार्यों के बारे में प्रोजेक्ट के जरिए जानकारी दी गई. आवास विकास परिषद लखनऊ के सेवानिवृत्त निदेशक, सूचना का अधिकार नियमावली के विशेषज्ञ राजेश मेहतानी ने बताया कि आरटीआई के तहत अगर उपभोक्ताओं को तीस दिन में मांगी गई सूचना नहीं दी गई तो आर्थिक दंड भुगतना पड़ेगा. उपभोक्ताओं को सूचना देने के निर्धारित प्रारूप में दस रुपये का ड्राफ्ट लगाकर दें.
उपभोक्ताओं को हर सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकती. राष्ट्र की एकता व अखंडता को खतरा, अपराध बढ़ने की आशंका, सुरक्षा एजेंसियों की मना की गई सूचनाओं को उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है.
नई एबीसी लाइन पडेगी, जर्जर तार बदले जाएंगे डिस्ट्रीब्यूटर सेक्टर स्कीम के नोडल अधिकारी मनीष गुप्ता ने बताया कि बिजली का ढांचा मजबूर करने के लिए 1609.27 करोड़ रुपये से कार्य होंगे. प्रथम चरण में 475 करोड़ रुपये से नई एबीसी, अंडरग्राउंड केबल डाली जाएगी. जर्जर तारों को बदला जाएगा. कार्यशाला में केस्को एमडी सैमुअल पाल एन, निदेशक संजय श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता संजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे.