Ghaziabad: बैंक से रजिस्ट्री की मूल प्रति गायब, देना होगा 55 हजार का हर्जाना

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 55 हजार रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया

Update: 2024-10-07 02:29 GMT

गाजियाबाद: मकान खरीदने के लिए बैंक से लिए लोन के बदले गारंटी के तौर पर जमा की गई रजिस्ट्री की मूल प्रति खोने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 55 हजार रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया है। इसमें पांच हजार रुपये मुकदमा व्यय भी शामिल है। आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन ने यह भी कहा है कि मूल दस्तावेज मिलने पर ग्राहक को बैंक उपलब्ध कराएगा और उसका किसी तरह का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।

बम्हेटा के सारे होम्स स्प्रिंग व्यू फ्लोर्स केसेंट पार्क निवासी पूरनचंद पांडेय और उनकी पत्नी रेवती पांडेय ने संयुक्त रूप से नवयुग मार्केट की स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर शाखा से 15.50 लाख रुपये का गृह ऋण लिया था। गारंटी के तौर पर मकान की रजिस्ट्री पत्र की मूल प्रति 23 जून 2016 को बैंक में जमा करा दिया था। जुलाई 2017 में बैंक का विलय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में हो गया। इसके बाद सभी दस्तावेज बैंक में ट्रांसफर हो गए थे।

पूरनचंद पांडेय और रेवती पांडेय ने 29 सितंबर 2018 को बैंक का पूरा ऋण अदा कर दिया। इसके बाद बैंक ने नो ड्यूज (कोई बकाया नहीं) का सर्टीफिकेट भी जारी कर दिया। इसके बाद बैंक ने पूरा सत्यापन कराने के बाद 10 जनवरी 2019 को फिर से नोड्यूज जारी किया।

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