गाजियाबाद: शहर से देहात तक बम-पटाखे फोड़ने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। नतीजा, आसमान में जहरीले धुएं के बादल छाए हैं। आतिशबाजी के कारण गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 340 पर पहुंच गया है। जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में माना जा रहा है।
गाजियाबाद वालों ने दिवाली पर देर रात तक तमाम प्रतिबंधों को धुएं में उड़ाते हुए जमकर आतिशबाजी की। शाम से शुरू हुआ बम-पटाखे फोड़ने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। चारों और धुएं और पटाखों की गंध के कारण आसमान में जहरीले धुएं के बादल छाए हुए हैं।
सुबह से वातावरण में धुंध छाई हुई है। आतिशबाजी के कारण गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। रात 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया। हवा में जहर घुलने से स्वास्थ्य और खास तौर से श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा है। साहिबाबाद, लोनी, वसुंधरा और आनंद विहार सहित प्रमुख क्षेत्रों में एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में है। शहर की आबो हवा में पीएम 2.5 की सांद्रता बढ़ी है। जिससे सांस के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो गई।
पिछले साल दिवाली पर आसमान साफ था और अनुकूल मौसमी संबंधी परिस्थितियों के कारण गाजियाबाद का एक्यूआई 248 दर्ज किया गया था। इस साल दिवाली पर शहर में प्रदूषण का स्तर पूरे चरम पर पहुंच गया। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण स्थिति और खराब हो गई। इसमें दिवाली पर हुई आतिशबाजी ने हवा में जहर घोलने का काम कर दिया।