Gaziabad: जमीन न मिलने से खोड़ा में एसटीपी की योजना का काम अटका
"जमीन पर अब तक कब्जा नहीं मिल पाया"
गाजियाबाद: खोड़ा की सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) योजना जमीन की बाधा के कारण शुरू नहीं हो पा रही. अमृत योजना 2.0 में स्वीकृत 141 करोड़ रुपये की इस योजना का काम चार अक्तूबर में शुरू होना था, लेकिन जमीन पर अब तक कब्जा नहीं मिल पाया है.
जिले में ग्रैप चार लागू है, ऐसे में अड़चन दूर होने पर भी काम शुरू नहीं हो पाएगा. अनियोजित तरीके से बसे खोड़ा में कभी सीवर लाइन नहीं पड़ी. इसीलिए घरों से निकलने वाली गंदगी नालों से होकर यमुना में गिरती है. एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने नालों का पानी शोधित कर यमुना में छोड़ने का आदेश दिया था, जिसके बाद जल निगम ने सर्वे किया.
सर्वेक्षण में पाया कि नालों से 40 एमएलडी गंदा पानी यमुना में गिरता है, मगर खोड़ा में संकरी गलियों के कारण सीवर लाइन नहीं डाली जा सकती. इसके आधार पर एसटीपी बनाकर, दो जगहों से यमुना में गिरने वाले नालों को टैप कर पानी को प्लांट तक लाकर शोधित करने की योजना बनी. जल निगम ने अमृत योजना 2.0 के तहत प्रस्ताव केंद्र को भेजा, जिस पर केंद्र सरकार ने करीब नौ माह पहले मुहर लगा दी थी. बावजूद इसके अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है.
पूरा करने की अपील की है.
आयुष्मान कार्ड के लिए शिविर लगाया: टीला मोड़ स्थित भारत सिटी सोसाइटी में वेलफेयर फोरम ऑफ आरडब्ल्यूए गाजियाबाद की ओर से आयुष्मान कार्ड शिविर लगाया गया. संस्था के अध्यक्ष एमसी सिहं ने बताया कि 70 साल से अधिक उम्र के लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनाया. 50 से अधिक लोगो ने आयुष्मान कार्ड बनाकर शिविर का लाभ उठाया. मौके पर कई लोग मौजूद रहे.